अपनी पहली हवाई यात्रा और तीन सितारा होटलों में यादगार प्रवास से लौटने के पश्चात आज राज्य के 22 बच्चों ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से उनके सरकारी आवास ओक ओवर में भेंट की।
अपनी पहली हवाई यात्रा और तीन सितारा होटलों में यादगार प्रवास से लौटने के पश्चात आज राज्य के 22 बच्चों ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से उनके सरकारी आवास ओक ओवर में भेंट की।
खबर खास, शिमला :
अपनी पहली हवाई यात्रा और तीन सितारा होटलों में यादगार प्रवास से लौटने के पश्चात आज राज्य के 22 बच्चों ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से उनके सरकारी आवास ओक ओवर में भेंट की।
अपने 13 दिवसीय शैक्षणिक और मनोरंजक यात्रा के बारे में इन बच्चों ने अपने अनुभव साझा किए और इस अविस्मरणीय यात्रा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों से बातचीत करते हुए, यात्रा के दौरान उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली।
कक्षा 12 की छात्रा नैन्सी ने हवाई यात्रा के दौरान अपने उत्साह का वर्णन करते हुए कहा, हवाई अड्डे की व्यवस्था से लेकर हवाई यात्रा तक सब कुछ अनुभव करना रोमांचकारी था। नैन्सी ने बताया कि हमने ऐतिहासिक स्मारकों का भी दौरा किया, जो भारत के सदियों पुराने समृद्ध इतिहास को जीवंत करते हैं। कशिश ने दिल्ली के विज्ञान संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुओं के प्रति अपने आकर्षण और काल्पनिक सवारी की खुशी को साझा किया।
इस बीच, धर्मेंद्र ने गोवा के समुद्र तटों पर समूह के साथ बिताए पलों को याद किया, जहां उन्होंने जमकर नृत्य किया और खूब मौज-मस्ती की। उन्होंने कहा, इस यात्रा के दौरान हम समूह में यात्रा करते समय अनुशासन के महत्व और हवाई यात्रा की योजना के तरीके को भी सीख पाए। मुख्यमंत्री की देखभाल और दूरदर्शिता की सराहना करते हुए बच्चों ने कहा कि, अगर सीएम सर न होते तो हम सिर्फ सहानुभूति के पात्र बनकर रह जाते। मुख्यमंत्री की इस पहल ने हमें राज्य के बच्चों का दर्जा दिलाया है, जिसके लिए हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने विनम्रता से जवाब देते हुए कहा, यह कोई उपकार नहीं है, राज्य के संसाधनों से लाभ उठाना आपका अधिकार है।
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों की देखभाल राज्य के बच्चों के रूप में करने के लिए कानून बनाए हैं। सरकार उनके अभिभावक के रूप में कार्य करेगी और उनके पालन-पोषण, शिक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि जिस तरह माता-पिता अपने बच्चों को भ्रमण पर ले जाते हैं, उसी तरह हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के बच्चों को भी इसी तरह के अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार की यात्राएं कुछ नया सीखने और अनुभव प्राप्त करने के लिए तैयार की गई हैं, जो उन्हें भविष्य में समाज और राष्ट्र में योगदान देने में सहायक सिद्ध होंगी। राज्य के बच्चों के सबसे पहले शिमला जिला के समूह ने अपनी यात्रा के दौरान पिंजौर, चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा का भ्रमण किया। उन्होंने भारत की प्रमुख शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा की, तीन सितारा होटलों में ठहरे और कई ऐतिहासिक स्थलों की सैर की। इन बच्चों की यात्रा 2 जनवरी को शुरू हुई, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वयं हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था और यह यात्रा 14 जनवरी को शिमला वापिस पहुंचकर समाप्त हुई।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024आप ने पंजाब के लोगों का जताया आभार, पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया जीत का श्रेय
November 24, 2024
Comments 0