नोटिफिकेशन जारी किया, फिर यूटर्न लेकर फैसला लिया वापस सीएम मान ने किया था मामले में हाईकोर्ट जाने का फैसला
नोटिफिकेशन जारी किया, फिर यूटर्न लेकर फैसला लिया वापस सीएम मान ने किया था मामले में हाईकोर्ट जाने का फैसला
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब विश्वविद्यालय के सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने के फैसले को आज, बुधवार को केंद्र सरकार ने वापिस लेते हुए इसका नोटिफिकेशन रद्द कर दिया। बीते कई दिनों से छात्र यूनियन और कई नेता इस फैसले का विरोध कर रहे थे। जिसके बाद आज यह फैसला आया है।
PU में स्टूडेंट्स कर रहे थे प्रदर्शन
पीयू में सीनेट और सिंडिकेट भंग करने के खिलाफ विवि बचाओ मोर्चा बनाया गया था। इसमें अलग अलग स्टूडेंट्स यूनियन के नेताओं को शामिल किया गया था। पंजाब विवि में वाइस चांसलर कार्यालय के समक्ष लगातार धरना प्रदर्शन भी चल रहा था। मोर्चा की तरफ से 10 नवंबर को विवि बंद करने का ऐलान किया था।
गौर रहे कि यह सीनेट सर्वोच्च निर्णय लेने वाली एक संस्था है जिका गठन 16 नवंबर 1966 को किया गया था। यह संस्था मूल रूप से 1882 में लाहौर में स्थापित की गई थी लेकिन नए बदलाव के मुताबिक अपने कार्यालय-बेयररों व डीन इत्यादि को राजनीतिक भूमिकाओं से हटाकर प्रशासनिक भूमिकाओं में बदल जाती।
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक पूर्वी पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम, 1947 की धारा 14(7) के तहत किए गए इन व्यापक परिवर्तनों से चुनाव प्रणाली समाप्त कर दी गई है। जिससे अब सदस्य पूरी तरह से नामित होंगे। जबकि सीनेट का आकार 91 से घटाकर 31 कर दिया गया और सिंडिकेट का आकार 27 से घटाकर 17 कर दिया गया है। नए गठन में चंडीगढ़ के सांसद, यूटी के मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को भी पंजाब के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पदेन सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसमें 10 सदस्य चांसलर द्वारा नामित होंगे। कला और विज्ञान से दो-दो प्रोफेसर, इंजीनियरिंग, कानून, शिक्षा, चिकित्सा और कृषि से एक-एक प्रोफेसर लिया जाएगा। जबकि पांच कालेजों के प्रिंसिपल रोटेशन में चुने जाएंगे। पंजाब के मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव, पंजाब के राज्यपाल द्वारा नामित दो विधायक, चंडीगढ़ के तीन अधिकारी-सलाहकार, मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव सदस्य होंगे, सभी “ऑर्डिनरी फैलोज” के नामांकन के लिए चांसलर की स्वीकृति आवश्यक होगी।
वहीं, यह फैसला आने के बाद आप ने केंद्र के फैसले पर निशाना साधा है। सांसद व मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि सरकार के फैसले का छात्रों के साथ आम जनता भी विरोध कर रही थी। उन्होंने कहा कि आखिरकार सरकार को जनता के आगे झुकना ही पड़ा। वैसे पंजाब सरकार ने आज ही ऐलान किया था कि वह इस मामले में जल्दी ही हाईकोर्ट जाएगी। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने एक्स हैंडल पर पोस्ट डालकर कहा था कि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ की सीनेट और सिंडिकेट को असंवैधानिक रूप से भंग करने और अधिसूचना जारी करने के खिलाफ पंजाब सरकार उच्च न्यायालय जाएगी।
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