पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए फाजिल्का के एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार 4 पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं की।
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए फाजिल्का के एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार 4 पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं की।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए फाजिल्का के एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार 4 पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं की।
गौर रहे कि बीते रोज ही विजिलेंस ब्यूरो ने फाजिल्का साइबर सेल के चार अधिकारियों को किया गिरफ्तार किया था। यह लोग फाजिल्का में नाबालिग पर साइबर केस दर्ज करने की धमकी दे रहे थे। इसके साथ ही परिवार पर लाखों रुपए की रिश्वत देने का दबाव भी डाला जा रहा था। इसे लेकर परिवार ने विजिलेंस के पास शिकायत की। जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने ट्रैप लगाकर आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इन आरोपियों में एसएचओ मनजीत सिंह, वरिष्ठ कॉन्स्टेबल राजपाल, वरिष्ठ कॉन्स्टेबल शिंदरपाल सिंह और वरिष्ठ कॉन्स्टेबल सुमित कुमार शामिल हैं।
भ्रष्टाचार के मामले में छोटा हो या बड़ा, अपना हो या पराया कोई भी नहीं बख्शा जाएगा : चीमा
गौर रहे कि बीते रोज वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने इस मामले की पूरी जानकारी दी थी। उन्होंने तब कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले में छोटा हो या बड़ा, अपना हो या पराया कोई भी नहीं बख्शा जाएगा। चीमा ने बताया था कि पीड़ित परिवार का 17 साल का बच्चा साइबर क्राइम में शामिल हो गया था। बच्चे ने गलती से पोर्न वीडियो पर क्लिक कर दिया था। यह नॉन-सीरियस केस था। लेकिन पुलिस कर्मियों ने इस चीज का फायदा उठाया। इन लोगों ने बच्चे के परिजनों को डरा-धमका कर पैसे मांगने जारी रखे।
पुलिस ने लड़के का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था और मामला सुलझाने के लिए 1 लाख की रिश्वत की मांग की गई थी। परिवार ने मजबूरी में यह राशि दी और इसके सबूतों के साथ मुख्यमंत्री से संपर्क किया। जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने पूरी प्लानिंग की और रिश्वत मांगने वाले अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन मोड में मान सरकार
गौर रहे कि भ्रष्टाचार को लेकर पंजाब में 17 फरवरी को श्री मुक्तसर साहिब के डीसी राजेश त्रिपाठी को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही विजिलेंस चीफ डीजीपी 1993 आईपीएस बैच के अधिकारी वरिंदर कुमार को पद से हटा दिया गया और एडीजीपी जी नागेश्वर राव को विजिलेंस प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरोप था कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 25 अप्रैल को विजिलेंस के चीफ डायरेक्टर एडीजीपी एसपीएस परमार, फ्लाइंग स्क्वॉयड एआईजी स्वर्नदीप सिंह और जालंधर विजिलेंस ब्यूरो एसएसपी हरप्रीत सिंह को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा पांच दिन पहले ही जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था
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