हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में मजबूत, टिकाऊ और सतत बुनियादी ढांचा को सुनिश्चित करने के लिए आज क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी द्वारा तैयार मानक संचालन विधियां एवं प्रक्रियाओं (एसओएमपी) का विमोचन किया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में मजबूत, टिकाऊ और सतत बुनियादी ढांचा को सुनिश्चित करने के लिए आज क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी द्वारा तैयार मानक संचालन विधियां एवं प्रक्रियाओं (एसओएमपी) का विमोचन किया।
कहा, प्रदेश में मजबूत, टिकाऊ और सतत बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता
हरियाणा की क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी, भारत का पहला राज्य स्तरीय संस्थान, जो अवसंरचना गुणवत्ता पर रखता है ध्यान - मुख्यमंत्री
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में मजबूत, टिकाऊ और सतत बुनियादी ढांचा को सुनिश्चित करने के लिए आज क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी द्वारा तैयार मानक संचालन विधियां एवं प्रक्रियाओं (एसओएमपी) का विमोचन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि एक विज़न है। एक ऐसी नींव, जिस पर हम गुणवत्तापूर्ण और दीर्घकालिक अवसंरचना, सेवाएं और सुशासन का भव्य भवन निर्मित करेंगे। यह आयोजन हरियाणा की विकास यात्रा में गुणवत्ता को केंद्र में रखने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ये एसओएमपी हरियाणा की विकास यात्रा में गुणवत्ता को केंद्र में रखने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
जिला पंचकूला में आज आयोजित क्वालिटी एश्योरेंस कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने हरियाणा क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी की स्थापना के दो वर्ष पूर्ण होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने अल्प समय में जो अनुकरणीय कार्य किए हैं, उसके लिए प्राधिकरण सराहना का पात्र है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्वालिटी एश्योरेंस अथॉरिटी की वेबसाइट को भी लॉन्च किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह 'गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण' भारत का पहला राज्य स्तरीय संस्थान है, जो अवसंरचना गुणवत्ता पर पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित करता है। इसके मॉडल को अन्य राज्य और केंद्रीय संस्थाएं भी अध्ययन कर रही हैं, ये हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह मॉडल जल्द ही पूरे देश में गुणवत्ता आश्वासन के लिए एक 'राष्ट्रीय नेटवर्क के रूप में विकसित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्ता ही व्यक्ति की पहचान है। गुणवत्ता का अर्थ है चीजों को सही तरीके से करना और तब करना, जब हमें कोई देख न रहा हो। अगर हम अपने जीवन में सुधार लाना चाहते हैं तो क्वालिटी में सुधार लाना होगा।
उन्होंने कहा कि अधूरा या खराब निर्माण, निर्माण न होने से भी ज्यादा हानिकारक होता है। इसी सोच को आत्मसात करते हुए सरकार ने गुणवत्ता को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। आज विमोचन किए गए एसओएमपी दस्तावेज, सरकारी विभागों, अभियंताओं, ठेकेदारों और नीति निर्माताओं के लिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में मानदंड तय करेगा।
उन्होंने कहा कि एसओपी सिर्फ प्रशासनिक उपकरण नहीं हैं, ये सुरक्षा, विश्वसनीयता और दक्षता के उपकरण हैं। उदाहरण के लिए, वाणिज्यिक विमानन ने एसओपी के माध्यम से दुर्घटनाओं को कम किया है। आज, प्रति एक मिलियन उड़ानों में केवल 1.3 दुर्घटनाएं होती हैं और यह एसओपी के कारण ही संभव हो पाया है। इसी प्रकार, स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में एसओपी जीवन बचाने का काम करते हैं। ये वैश्विक निर्माण उद्योग में 'सिक्स - सिगमा' जैसे मानक उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज का गुणवत्ता आश्वासन सम्मेलन केवल प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के बारे में नहीं, यह हमारे समग्र दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो हमें एक मजबूत, सुरक्षित और स्मार्ट हरियाणा बनाने की ओर अग्रसर करेगा।
सरकार का उद्देश्य हरियाणा का हर निर्माण कार्य, सेवा और नीति अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हरियाणा का हर निर्माण कार्य, हर सेवा और हर नीति अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरे। इस सम्मेलन का थीम भी 'मजबूत, टिकाऊ और विश्वसनीय बुनियादी ढांचा' रखा गया है। यह हमारी इस सोच का परिचायक है कि हम केवल विकास की गति पर ही नहीं, उसकी गुणवत्ता पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
सैनी ने कहा कि जब किसी भी कार्य को सुनिश्चित और स्थायी रूप से पूरा करना हो तो उसके लिए एक स्पष्ट, वैज्ञानिक और सुव्यवस्थित प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। एसओएमपी प्लानिंग से लेकर रखरखाव तक एक संपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। साथ ही ये भी तय करते हैं कि योजना कैसे बनेगी, डिज़ाइन कैसा होगा और सामग्री की गुणवत्ता कैसी होनी चाहिए। इसके अलावा, एसओएमपी यह भी निर्धारित करते हैं कि निर्माण प्रक्रिया में कौन-कौन से निरीक्षण होंगे। सुरक्षा के क्या मानदंड होंगे और पर्यावरण की दृष्टि से किन पहलुओं का ध्यान रखा जाएगा।
विकसित भारत-विकसित हरियाणा के लिए निर्माण कार्यों के साथ गुणवत्ता भी सुनिश्चित करना
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप 'विकसित भारत-विकसित हरियाणा की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। तब यह अनिवार्य हो गया है कि हमारे विकास कार्यों की गति न केवल तेज़ हों, बल्कि टिकाऊ और भरोसेमंद भी हो। केवल तेज गति से निर्माण करना ही पर्याप्त नहीं है। अगर गुणवत्ता से समझौता करके तेज गति से निर्माण किया गया हो, तो उसका परिणाम दुर्घटनाएं, लागत में बढ़ोतरी और जन-विश्वास में कमी आने के रूप में सामने आती हैं।
भारतीय निर्माण संदर्भों में सर्वोत्तम पद्धतियों पर ज्ञान प्रदान करने के लिए अनुसंधान एवं विकास केंद्र किया जाएगा स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों में गुणवत्तापूर्ण निर्माण की गारंटी की सोच के साथ गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण की स्थापना की गई है। यह प्राधिकरण एक बहु-आयामी निकाय है, जो सड़कों, पुलों, भवनों, सिंचाई, जल, सीवरेज, ऊर्जा जैसे बुनियादी क्षेत्रों में गुणवत्ता सुनिश्चित करता है। हमारी नज़र सिर्फ गुणवत्ता पर ही नहीं, बल्कि इंजीनियरों के प्रशिक्षण, क्षेत्रीय कार्यशालाओं और डिजिटल मैन्युअल्स के माध्यम से क्षमता निर्माण पर भी है। इसके अलावा, हम एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र भी स्थापित करेंगे, जो भारतीय निर्माण संदर्भों में सर्वोत्तम पद्धतियों पर ज्ञान प्रदान करेगा।
भविष्य में गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण के दायरे को निजी अवसंरचना परियोजनाओं तक बढ़ाने की योजना
सैनी ने कहा कि सरकार की अगली योजना गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण के दायरे को निजी अवसंरचना परियोजनाओं तक बढ़ाने की है। इसके दायरे में विशेष रूप से उन परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा, जिनका सरकारी लाइसेंसिंग प्रक्रिया से संबंध है। इसमें सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजनाएं, निजी भवन, टाउनशिप और औद्योगिक पार्क शामिल होंगे। यह कदम गुणवत्ता आश्वासन को केवल सार्वजनिक कार्यों तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि इससे नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा और निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा। भविष्य में, गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण प्रमाणपत्र अवसंरचना उत्कृष्टता का एक मानक बन सकता है।
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