हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिला पंचकूला में देशव्यापी 100 दिवसीय सघन टी.बी. उन्मूलन अभियान के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि टी.बी. को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार सुरक्षा चक्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिला पंचकूला में देशव्यापी 100 दिवसीय सघन टी.बी. उन्मूलन अभियान के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि टी.बी. को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार सुरक्षा चक्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी टी.बी. मरीज इलाज से छूटे नहीं, इसके लिए सरकार ने नई रणनीति पर काम किया है। इस दिशा में फोर-टी के फार्मूले अर्थात टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं। हरियाणा सरकार हेल्दी इंडिया बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए फिट इंडिया मूवमेंट को सफल बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश को टी.बी. मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आज इस विशेष अभियान की शुरुआत हरियाणा से की गई है। इसके लिए वे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि हरियाणा सरकार इस अभियान को सफल बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगी।
टी.बी. उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा
सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टी.बी. के खिलाफ काम करना शुरू किया, वह अभूतपूर्व है। बीते 10 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ इस लड़ाई में जन भागीदारी के साथ विशेष पोषण अभियान, फिट इंडिया, खेलो इंडिया तथा योग जैसे सफल अभियान चलाए हैं। जन भागीदारी की यह ताकत टी.बी. के खिलाफ सफलता पाने में भी कारगर सिद्ध होगी। आज टी.बी. उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय राष्ट्रीय निक्षय शिविर का शुभारंभ इस काम में मील का पत्थर साबित होगा।
सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार टी.बी. को खत्म करने के लिए और भी अति आधुनिक तकनीक मुहैया करवा रही है। इस समय सभी मौजूदा एक्स रे केंद्रों को भारतीय प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान अहमदाबाद के साथ ए.आई. के साथ जोड़ा जा रहा है। हरियाणा यह प्रौद्योगिकी लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य है। रोहतक और करनाल में दो अत्याधुनिक माइक्रो बैक्टीरियल कल्चर और डी.एस.टी. लैब स्थापित हैं। इसके अलावा, अंबाला में एक नई लैब स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 59 मोबाइल हेल्थ वैन के माध्यम से गांवों, मलिन बस्तियों, दिहाड़ी मजदूरों, भट्ठों और किसानों के टी.बी. परीक्षण करवाए जा रहे हैं।
सैंपलों की जांच के लिए 131 नए डी.एम.सी. खोले जा रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि टी.बी. रोगियों को यदि और भी कोई बीमारी मिलती है तो सरकार उसका भी मुफ्त इलाज करती है। पी.जी.आई.एम.एस. रोहतक तथा करनाल, नूंह और सोनीपत के मेडिकल कॉलेजों में चार नोडल ड्रग रेजिस्टेंस टी.बी. केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनके अलावा सभी 22 जिलों में भी जिला नोडल ड्रग्स रेसिस्टेंट टी.बी. केंद्र स्थापित किये गये हैं। सभी मरीजों के सैंपलों को निकटतम नामित माइक्रोस्कोपी केंद्र में जांच के लिए भेजा जाता है। प्रदेश में इन केंद्रों की संख्या भी 358 से बढ़ाकर 428 की गई है। इसके अलावा, 131 नए डी.एम.सी. खोले जा रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में ए.आई. के साथ हैंड हेल्ड एक्स रे का उपयोग किया जा रहा है।
इस साल लगभग 1,800 टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायतें बनाने का रखा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि टी.बी. के खिलाफ की गई हमारी पहलों के सकारात्मक परिणाम आए हैं। अब अधिक लोग टी.बी. की जांच और इलाज करवाने के लिए आगे आ रहे हैं। वर्ष 2023 में हरियाणा में 579 टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायतें थी। इस साल हमने लगभग 1,800 टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायतें बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के 79 हजार 652 मरीजों का डेटा निक्षय पोर्टल अपलोड किया गया है। निक्षय पोषण योजना में अब तक 3 लाख 49 हजार मरीजों को 117 करोड़ 46 लाख रुपए दिए जा चुके हैं।
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