* राज्यपाल ने चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि किया संबोधित * राज्यपाल ने 1276 विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां
* राज्यपाल ने चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि किया संबोधित * राज्यपाल ने 1276 विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के राज्यपाल व चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि एक साधना भी है। निरंतर सीखते रहने का नाम साधना है। सीखने की कोई समय सीमा नहीं होती।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को अपने जीवन में अनुशासित रहते हुए, निरंतर सीखने, मेहनत करने तथा सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए, यह सफलता व संतुष्टि दोनों में सहायक है। उन्होंने विद्यार्थियों से नई तकनीकों, कौशल विकास के साथ-साथ चरित्रवान, शीलवान तथा आशावादी बनने का आह्वान किया।
राज्यपाल दत्तात्रेय आज भिवानी स्थित चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। समारोह में श्री दत्तात्रेय ने 1276 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की। साथ ही 48 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिनमें 43 छात्राएं शामिल थी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की तरफ से साउथ एशियन पैरा ओलंपिक की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा को समाज में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की 10 साल की विकास गाथा पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया तथा एक नई एंबुलेंस भी विश्वविद्यालय को समर्पित की।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह हमें बेहतर इंसान बनाती है, समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का बोध कराती है। उन्होंने कहा कि डिग्री केवल एक कागज का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह आपकी मेहनत, अनुशासन और ज्ञान का प्रतीक है। यह वह आधार है, जिस पर आप अपने भविष्य का निर्माण करेंगे। उन्होंने समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा कि वे आज से अपने जीवन की एक नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। यह यात्रा कठिन हो सकती है, लेकिन कठिनाइयों और विषम परिस्थितियों से कभी घबराना नहीं है।
उन्होंने कहा कि विकसित हरियाणा के निर्माण में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी बंसीलाल का नाम सम्मान से लिया जाता है। वे हरियाणा के आधुनिक विकास के निर्माता माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में हरियाणा ने औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की। इस विश्वविद्यालय का नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया। यह विश्वविद्यालय उनके उस अमिट दृष्टिकोण का प्रतीक है, जो शिक्षा, नवाचार और सामाजिक उत्थान पर आधारित था।
राज्यपाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक देशभर में लागू हो रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को हरियाणा में मौजूदा वर्ष 2025 में ही लागू किया जा रहा है। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल ने स्टार्टअप के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है। हरियाणा सरकार ने महिला उद्यमियों के कल्याण के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि भारत में आईटी और स्टार्टअप क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2030 तक भारत में आईटी क्षेत्र में दस करोड़ नौकरियां सृजित होने की संभावना है।
इस मौके पर प्रदेश के खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार खिलाडिय़ों को खेल सुविधाएं प्रदान करने पर पूरा ध्यान दे रही है। प्रदेशभर के साथ-साथ जिला भिवानी में खिलाडिय़ों को हरसंभव खेल सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भिवानी ने खेलों के दम पर अपना नाम कमाया है। दुनिया में खेलों का नाम जहां लिया जाता है, वहां हरियाणा का नाम भी लिया जाता है।
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