'युवा अपने भीतर छुपे हुए परशुराम जी को पहचानें और अपने अंदर के साहस, ज्ञान और सेवा के भाव को जागृत करें, क्योंकि विकसित भारत और विकसित हरियाणा बनाने के लिए ऐसे भाव और आदर्शों की आवश्यकता है।' यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का। आज भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव पर जिला पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उन्होंने यह बात कही।
युवाओं से किया आग्रह, विकसित भारत- विकसित हरियाणा बनाने के लिए अपने भीतर छुपे हुए परशुराम जी को पहचानें और साहस, ज्ञान व सेवा के भाव को जागृत करें
भगवान परशुराम जी अधर्म के खिलाफ़ जंग के ध्वज वाहक हैं -सिंह सैनी
खबर खास, चंडीगढ़ :
'युवा अपने भीतर छुपे हुए परशुराम जी को पहचानें और अपने अंदर के साहस, ज्ञान और सेवा के भाव को जागृत करें, क्योंकि विकसित भारत और विकसित हरियाणा बनाने के लिए ऐसे भाव और आदर्शों की आवश्यकता है।' यह कहना है हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का। आज भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव पर जिला पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने नागरिकों से भी आह्वान किया कि हम सभी अपने जीवन में सत्य, निष्ठा और धर्म को अपनाएं तथा एक ऐसा भारत और हरियाणा बनाएं जो आत्मबल से समृद्ध और आत्मा से पवित्र हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जन्मोत्सव कार्यक्रम में 31 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की।
सैनी ने भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन न केवल हमारे लिए सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से एक विशेष पर्व है, बल्कि यह भारत की उस महान सनातन परंपरा का भी प्रतीक है, जो समय- समय पर अधर्म का नाश करके धर्म की पुनः स्थापना करती रही है। भगवान परशुराम जी अधर्म के खिलाफ़ इसी जंग के ध्वज वाहक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब हम विकसित भारत- विकसित हरियाणा बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, तब भगवान परशुराम जी के आदर्श और उनके संदेश हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने जीवनभर अन्याय के विरुद्ध युद्ध किया। उन्होंने केवल समाज हित और धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाए। हमारी सरकार भी भगवान परशुराम जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भगवान परशुराम जी ने शिक्षा के साथ साथ शस्त्र विद्या में भी राष्ट्र को समृद्ध किया है, उसी प्रकार आज हमें भी आधुनिक ज्ञान और तकनीक के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक शक्ति को भी सशक्त करना होगा। हमारी परंपराएं, हमारी भाषा, हमारी संस्कृति ये सब हमारी आत्मा है।
भगवान परशुराम जी द्वारा दिया गया धर्म की स्थापना का मंत्र आज भी उतना ही प्रासंगिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत दुनिया को योग, आयुर्वेद और शांति का मार्ग दिखा रहा है। यह उसी विरासत का परिणाम है, जिसकी नींव भगवान परशुराम जी जैसे ऋषि-मुनियों और महापुरुषों ने रखी थी। भगवान परशुराम जी ने धर्म की स्थापना का जो मंत्र दिया था, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
उन्होंने कहा कि आज जब हम डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को आगे बढ़ा रहे हैं, तो भगवान परशुराम जी के दृढ़ संकल्प की तरह हम सभी भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने का भी प्रण लें। उन्होंने कहा कि युवाओं को भी भगवान परशुराम जी के जीवन से सीख लेनी चाहिए कि यदि आपके पास ज्ञान है, संकल्प है और देशभक्ति है तो आप हर लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
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