हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घटती कृषि-जोत को देखते हुए किसानों को "वर्टिकल बागवानी" की तरफ़ प्रोत्साहित करें , जिससे कम क्षेत्र में अधिक आमदनी हो सकेगी।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घटती कृषि-जोत को देखते हुए किसानों को "वर्टिकल बागवानी" की तरफ़ प्रोत्साहित करें , जिससे कम क्षेत्र में अधिक आमदनी हो सकेगी।
"हरियाणा राज्य बागवानी विकास एजेंसी" की बैठक की अध्यक्षता की
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घटती कृषि-जोत को देखते हुए किसानों को "वर्टिकल बागवानी" की तरफ़ प्रोत्साहित करें , जिससे कम क्षेत्र में अधिक आमदनी हो सकेगी। राणा आज यहां "एकीकृत बागवानी विकास मिशन" के तहत गठित "हरियाणा राज्य बागवानी विकास एजेंसी" की जनरल बॉडी की द्वितीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण तथा बागवानी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ राजा शेखर वुंडरू, बागवानी विभाग के महा निदेशक श्री रणबीर सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ अर्जुन सैनी के अलावा अन्य अधिकारी तथा एजेंसी के कई सदस्य उपस्थित थे।
राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश में किसानों की कल्याणकारी सरकार है। मुख्यमंत्री की सोच है कि किसानों की आमदनी डबल हो , इस दिशा में प्रदेश सरकार सक्रियता से काम भी कर रही है।
उन्होंने कहा कि कृषि से बेरोजगारी दूर हो सकती है, बशर्ते यह लाभकारी हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इजऱायल और जापान की तर्ज पर किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से रूबरू करवाएं ताकि कम पानी में और कम रासायनिक खादों से कृषि की बेहतरीन उपज ली जा सके।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को आम बजट में बागवानी क्षेत्र के लिए तय किये गए बजट का पूर्ण रूप से सदुपयोग करने की सलाह दी और कहा कि इसके लिए लक्ष्य बना कर कार्य करें और उसको निर्धारित अवधि में पूरा करें। उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में वृद्धि करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की सब्सिडी यथाशीघ्र उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित हो जानी चाहिए।
राणा को बैठक में अवगत करवाया गया कि राज्य में विभिन्न सब्जी और फलों के करीब 400 क्लस्टर चिन्हित किये गए हैं। जिनमें पैक हाउस के लिए किसनों व किसान समूहों को अनुदान दिया जाएगा ।
उन्होंने बताया गया कि प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में कम पानी में खजूर की खेती करने पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। एकीकृत बागवानी विकास योजना के अंतर्गत कवर की जा रही खजूर की खेती के लिए 1.60 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा राज्य में मशरूम की परियोजनाओं पर भी बल दिया जा रहा है। वर्तमान में सोनीपत जिला में मशरूम क्लस्टर विकसित किया जा रहा है , इसके अलावा अन्य जिलों में भी किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) स्कीम के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों की वित्तीय रिपोर्ट की समीक्षा की , साथ ही श्रेणीवार बजट की उपलब्धता एवं खर्च की भी जानकारी ली। उन्होंने बीज उत्पादन , नए बागों की स्थापना तथा प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में बागों के रखरखाव , खुम्ब प्रोजेक्ट, बागवानी मशीनीकरण, उत्कृष्टता केंद्र , मधुमक्खी पालन समेत अन्य मदों की भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धि की भी समीक्षा की।
राणा ने बैठक में विभिन्न जिलों से आये किसानों ( जो हरियाणा राज्य बागवानी विकास एजेंसी के सदस्य भी हैं) की समस्याओं की भी जानकारी ली और उनके सुझावों पर अधिकारियों को सकारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी कहा कि ग्राम पंचायतों को भी पंचायती जमीन पर फलदार पेड़ -पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करें।
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