मचैल माता की धार्मिक यात्रा में पहुंचे लोग बहे, कईयों को बचाया
मचैल माता की धार्मिक यात्रा में पहुंचे लोग बहे, कईयों को बचाया
खबर खास, किश्तवाड़ :
जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चशोटी गांव में गुरुवार दोपहर 12:30 बजे बादल फटा। जिसके बाद कई लोग पहाड़ से आए पानी और मलबे की चपेट में आ गए। हादसे में अब तक 42 लोगों की मौत हो गई है। जबकि अब तक 65 लोगों को बचाया गया है। करीब 200 से ज्यादा लोग लापता हैं।
हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ में पड्डर सब-डिवीजन में चशोटी गांव पहुंचे थे। यात्रा के इस पहले पड़ाव में ही बादल फटा है। यहां श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें थीं। सभी बाढ़ के पानी में बह गए।
चशोटी किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर और मचैल माता मंदिर के रास्ते पर पहला गांव है। यह जगह पड्डर घाटी में है, जो 14-15 किलोमीटर अंदर की ओर है। इस इलाके के पहाड़ 1,818 मीटर से लेकर 3,888 मीटर तक ऊंचे हैं। इतनी ऊंचाई पर ग्लेशियर (बर्फ की चादर) और ढलानें हैं, जो पानी के बहाव को तेज करती हैं।
मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल अगस्त में होती है। इसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलेगी। यह रूट जम्मू से किश्तवाड़ तक 210 किमी लंबा है और इसमें पद्दर से चशोटी तक 19.5 किमी की सड़क पर गाड़ियां जा सकती हैं। उसके बाद 8.5 किमी की पैदल यात्रा होती है।
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