मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सख्त कानून लागू कर, समन्वित कार्रवाई और जन सहभागिता के माध्यम से मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी से निपटने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सख्त कानून लागू कर, समन्वित कार्रवाई और जन सहभागिता के माध्यम से मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी से निपटने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है।
खबर खास, शिमला :
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सख्त कानून लागू कर, समन्वित कार्रवाई और जन सहभागिता के माध्यम से मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी से निपटने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने शनिवार को यहां बताया कि पुलिस विभाग ने विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से मादक पदार्थों के नेटवर्क को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया है। अवैध संपत्तियों को जब्त किया गया है और स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ, अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (पीआईटी एनडीपीएस) अधिनियम, 1988 के अंतर्गत अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है।
प्रदेश सरकार मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई कर रही है। प्रवर्तन उपायों के अलावा, लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में शिक्षित करने के लिए नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में निवारक हिरासत के लिए 45 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे, जबकि 2022 तक कोई भी प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया और बार-बार अपराध करने वालों के खिलाफ चार हिरासत आदेश स्वीकृत किए गए। सरकार आगामी विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम पेश करने की भी योजना बना रही है, ताकि कानूनी प्रावधानों को मजबूत किया जा सके। इसका उद्देश्य बार-बार अपराध करने वालों पर सख्त दंड लगाना और नशे की लत के शिकार तथा पहली बार अपराध करने वाले नाबालिगों के पुनर्वास को बढ़ावा देना भी होगा।
प्रवक्ता ने कहा कि नशे से जुड़ी संपत्तियों पर नकेल कसते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में 9 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की और नशीली दवाओं की गतिविधियों से जुड़ी संपत्तियों को सील करने और ध्वस्त करने के लिए एक व्यवस्थित अभियान शुरू किया। नशीली दवाओं की आपूर्ति शृंखलाओं को और बाधित करने और तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए राज्य में पहली बार 40-50 स्थानों पर तलाशी की गई। सरकार जांच क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के उन्नयन को भी प्राथमिकता दे रही है।
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए, राज्य सरकार ने नारकोटिक्स और संगठित अपराध पर एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को मंजूरी दी है, जो नारकोटिक्स, नशीली दवाओं की तस्करी और संगठित अपराध पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने के लिए आवश्यक संसाधनों, शक्तियों और स्वायत्तता के साथ एक समर्पित इकाई होगी।
वर्ष 2024 के दौरान पुलिस विभाग ने 368.20 किलोग्राम चरस, 36.20 किलोग्राम अफीम, 11.14 किलोग्राम हेरोइन, 668.67 किलोग्राम पोस्त और 33.64 किलोग्राम गांजा जब्त किया। इसके अतिरिक्त, 37,20,654 भांग के पौधे और 3,78,152 पोस्त के पौधे नष्ट किए गए तथा 2,89,68,041 नशीली गोलियां भी जब्त की गईं। पुलिस ने नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधियों में शामिल 2515 व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त बनाने तथा सख्त कानून प्रवर्तन, समन्वित कार्रवाई और सक्रिय सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को खत्म करने के लिए ढ़संकल्प है।
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पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024
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