हरियाणा सेवा का अधिकार (आरटीएस) आयोग ने सेक्टर-6, पंचकूला स्थित टोपारी पार्क में लापरवाही बरतने व बुनियादी ढांचे की खराब गुणवत्ता पर कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पीएमडीए के डीओ-कम-एसडीई (सिविल) पर लगाया 5,000 रुपये का जुर्माना, अन्य गलतियों की जांच के आदेश दिए
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा सेवा का अधिकार (आरटीएस) आयोग ने सेक्टर-6, पंचकूला स्थित टोपारी पार्क में लापरवाही बरतने व बुनियादी ढांचे की खराब गुणवत्ता पर कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
आयोग के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता और आयोग के सलाहकार जिनसन जॉर्ज चाको तथा विभिन्न विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पार्क का दौरा करने उपरांत यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि टीम द्वारा जांच के दौरान देखा गया कि पार्क में ईपीडीएम-पथ हाल ही में बिछाया गया था और तीन साल की वारंटी होने के बावजूद निर्माण के कुछ महीनों के भीतर ही क्षतिग्रस्त हो गया, जो स्पष्ट रूप से निर्माण के दौरान गैर-पर्यवेक्षण तथा संभावित भ्रष्टाचार को दर्शाता है। यह कार्य बागवानी में एसई के तौर पर कार्य संभाल रहे अशोक राणा ने करवाया था। इस चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने और 31 जनवरी, 2025 तक आयोग को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। आयोग ने कहा कि वह आरोपपत्र जारी करके निर्माण पर किए गए अनावश्यक व्यय की राशि वसूलने पर विचार कर सकता है।
इसके अलावा एसडीई (सिविल), एमसी, पंचकूला को यह पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि जिमखाना क्लब के सामने वर्षा के समय जल निकासी व्यवस्था मौजूद है या नहीं। साथ ही एसडीई को पिछले दो वर्षों (अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक) में जल निकासी व्यवस्था पर की गई किसी भी सफाई का विवरण के साथ-साथ दावों को प्रमाणित करने के लिए सहायक दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। आयोग ने एक्सईएन, पंचकूला मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएमडीए) को एक व्यापक वर्षा जल निकासी योजना तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाहर से पानी पार्क में प्रवेश न करे और दूसरा यह सुनिश्चित किया जाए कि पार्क में बारिश का पानी उन जगहों पर जमा हो जहाँ वर्षा जल संचयन संरचना लगाई गई है ताकि इसे जल्दी से निकाला जा सके।
मुख्य आयुक्त ने पाया कि शौचालय बहुत बुरी अवस्था में थे और सार्वजनिक उपयोग के लिए अनुपयुक्त थे। सामान्य रखरखाव और सफाई के मुद्दों के अलावा, फ्लश भी काम नहीं कर रहा था। एचएसवीपी के एक्सईएन (बागवानी) को उनकी सफाई सुनिश्चित करने और सफाई के बाद सबूत के तौर पर तस्वीरें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(एच) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत, आयोग ने प्रत्येक शौचालय के लिए 2,500 रुपये का जुर्माना लगाया है, यानी कि संबंधित एक्सईएन, एसडीई या अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन से कुल 5,000 रुपये काटे जाएंगे। एक्सईएन (बागवानी), पीएमडीए से अनुरोध है कि वे जांच करें और 17 जनवरी, 2025 तक इस संबंध में आयोग को एक रिपोर्ट भेजें।
आयोग ने देखा कि पीएमडीए के ग्रीन प्लानिंग सलाहकार हरदीप मलिक ने पार्क के विभिन्न निरीक्षण किए और निरीक्षण नोट जारी किए थे। इन निरीक्षण नोटों से यह स्पष्ट है कि पार्क का रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है, जिससे संबंधित नामित अधिकारी यानी एसडीई, हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 (जिसे आगे ‘अधिनियम’ कहा जाएगा) के प्रावधानों के तहत पार्क के गैर-रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। इसलिए, आयोग ने राम कुमार, डीओ-कम-एसडीई (सिविल), पीएमडीए पर 5,000 रुपये का सांकेतिक जुर्माना लगाया। सीईओ, पीएमडीए से अनुरोध किया गया है कि वे जनवरी, 2025 के अपने वेतन से इस राशि की कटौती सुनिश्चित करें, जिसका भुगतान फरवरी, 2025 में किया जाना है और इसे राज्य के खजाने में जमा करना है।
आयोग ने आगे कहा कि इस पार्क के रखरखाव में चौतरफा खामियां पाई गई हैं। आयोग एफजीआरए-कम-एक्सईएन और एसजीआरए-कम-एसई द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन से संतुष्ट नहीं है। इसलिए एनके पायल, एक्सईएन, पीएमडीए और राजीव शर्मा, एसई, पीएमडीए को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश क्यों न की जाए। उन्हें 20 जनवरी, 2025 तक इस संबंध में जवाब भेजने का निर्देश दिया गया है।
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