विश्व बैंक मिशन और राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (एनपीएमयू) की टीम ने हरियाणा में अटल भूजल योजना (अटल जल) परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के लिए आज यहां बैठक की।
विश्व बैंक मिशन और राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (एनपीएमयू) की टीम ने हरियाणा में अटल भूजल योजना (अटल जल) परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के लिए आज यहां बैठक की।
खबर खास, चंडीगढ़ :
विश्व बैंक मिशन और राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (एनपीएमयू) की टीम ने हरियाणा में अटल भूजल योजना (अटल जल) परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के लिए आज यहां बैठक की। बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई (एसपीएमयू), जिला परियोजना प्रबंधन इकाइयों (डीपीएमयू) और जिला कार्यान्वयन भागीदारों (डीआईपी) सहित प्रमुख हितधारकों ने हिस्सा लिया।
अटल भूजल योजना, हरियाणा के इंजीनियर-इन-चीफ सह परियोजना निदेशक डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने इस अवसर पर परियोजना की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही , अटल भूजल योजना के तहत उपलब्धियों का एक व्यापक स्नैपशॉट भी प्रस्तुत किया। एसपीएमयू, हरियाणा के नोडल अधिकारी एवं एसई प्रमोद जैन ने अटल जल के तहत राज्य की प्रगति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें कार्यक्रम की पहलों के माध्यम से भूजल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर विश्व बैंक के टीटीएल सत्य प्रिय ने डीएलआई-5 के तहत उपलब्धियों को मान्यता दी और इसकी स्थिरता के महत्व पर बल दिया। जल स्तर के प्रभावों, उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रमों और मजबूत आईईसी गतिविधियों पर आगे तुलनात्मक अध्ययन को भी उन्होंने प्रोत्साहित किया। विशेष बात यह रही कि इस अवसर पर उन्होंने भूजल प्रबंधन और मॉड्यूल तैयारी पर जोर देने के साथ 2025 के लिए एक विस्तृत प्रशिक्षण योजना विकसित करने का सुझाव दिया।
एनपीएमयू, नई दिल्ली के पीडी श्री प्रतुल सक्सेना ने प्रोत्साहन निधि के समय पर उपयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने एसपीएमयू और लाइन विभागों से वित्तीय समय सीमा का पालन सुनिश्चित करते हुए डीएलआई-5 को प्राप्त करने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। विश्व बैंक के राज्य समन्वयक एम के गोयल ने एमआईएस पोर्टल पर हरियाणा के आंकड़ों का विश्लेषण प्रस्तुत किया, जिसमें भविष्य की परियोजना रणनीतियों का मार्गदर्शन करने के लिए मार्गदर्शन किया।
एनपीएमयू के एनटीएसए के टीम लीडर सुजीत कुमार सिन्हा ने पानी की मांग को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए फसल विविधीकरण, मल्चिंग और सूक्ष्म सिंचाई जैसे अतिरिक्त जल-बचत तरीकों को अपनाने की वकालत की। एनपीएमयू की उप निदेशक नीती नायर ने भूजल प्रबंधन और स्थिरता सुनिश्चित करने में इसकी भूमिका के बारे में जमीनी स्तर पर बढ़ती जागरूकता पर
प्रकाश डाला।
बैठक में विभिन्न अधिकारियों ने अटल भूजल योजना के कार्यान्वयन पर अपने दृष्टिकोण साझा किए और अपने-अपने डोमेन में हासिल की गई प्रगति पर प्रकाश
डाला।
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पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024
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