हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ सतबीर सिंह कादियान ने विभिन्न सरकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता केंद्रित होने के महत्व पर जोर दिया।
हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ सतबीर सिंह कादियान ने विभिन्न सरकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता केंद्रित होने के महत्व पर जोर दिया।
पंचकूला में आयोजित क्वालिटी एशोरेंस कॉनक्लेव में हुई पैनल चर्चा
जमीनी स्तर पर गुणवत्ता चेतना विकसित करना और इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता आश्वासन को सक्षम करने के लिए नए युग की तकनीक को अपनाना विषयो पर पैनलिस्टों ने रखे विचार
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ सतबीर सिंह कादियान ने विभिन्न सरकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता केंद्रित होने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इंजीनियरिंग कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभागों के बीच प्रतिबद्धता की भावना को बढ़ावा देने के लिए क्वालिटी एशोरेंस अथॉरटी (क्यूएए) हरियाणा के प्रयासों की सराहना की।
कादयान आज पंचकूला में आयोजित क्वालिटी एशोरेंस कॉन्क्लेव में ‘जमीनी स्तर पर गुणवत्ता चेतना का विकास‘ विषय पर पैनल चर्चा के दौरान बोल रहे थे। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि किसी परियोजना के अवधारणा चरण से ही गुणवत्ता सुनिश्चित करना उच्च गुणवत्ता वाले परिणाम देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस तरह का दृष्टिकोण बुनियादी ढांचे के मानकों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और एक नए और प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में सार्थक योगदान देता है। उन्होंने इंजीनियरिंग कार्यों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण में एआई के उपयोग का भी सुझाव दिया।
लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ (सड़क) राजीव यादव ने कहा कि मानसिकता में बदलाव लाकर काम की गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मानसिकता ही विकसित और विकासशील राष्ट्र के बीच मूलभूत अंतर है। उन्होंने इंजीनियरिंग कार्यों में लगे अधिकारियों और ठेकेदारों से आग्रह किया कि वे अपनी दैनिक जिम्मेदारियों में उत्कृष्टता हासिल करें और ईमानदारी, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करें।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ देवेन्द्र दहिया ने कहा कि सावधानीपूर्वक और त्रुटि रहित योजना किसी भी सफल परियोजना की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और एनएचएआई जैसे विभागों से आवश्यक अनुमतियाँ पहले ही प्राप्त कर लेने से परियोजना में होने वाली देरी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में परियोजना की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई नई पहल की गई हैं। अब, विशेषज्ञों और सलाहकारों की भागीदारी से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, तीसरे पक्ष के निरीक्षणों ने गुणवत्ता परिणामों में सुधार लाने में योगदान दिया है। उन्होंने जनसंख्या अनुमानों और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए परियोजना के नियोजन चरण के दौरान ज्ञान और दूरदर्शिता को लागू करने के महत्व पर भी जोर दिया।
हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता रवि शेर सिंह ने कहा कि परियोजनाओं की संकल्पना अक्सर तभी की जाती है जब जरूरत पड़ती है। हालांकि, उन्होंने बताया कि वर्तमान में दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में परियोजना आवश्यकताओं की पहचान करने के लिए कोई संरचित तंत्र नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना की समय सीमा को पूरा करने के प्रयास में गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
एचवीपीएन पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के प्रधान निदेशक वी.एस. मान ने कहा कि इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ज्ञान महत्वपूर्ण है और यह ज्ञान नियमित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वे उन क्षेत्रों की पहचान करें जहाँ उनके कर्मचारियों में दक्षता की कमी हो सकती है और उन कमियों को दूर करने के लिए उचित कदम उठाएँ। उन्होंने कहा कि लक्षित प्रशिक्षण और रिफ्रेशर पाठ्यक्रमों के माध्यम से कर्मियों की दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है।
इसके उपरांत, “इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता आश्वासन को सक्षम करने के लिए नए युग की तकनीक को अपनाना” विषय पर एक पैनल चर्चा के दौरान, पैनलिस्ट यूएचबीवीएन के मुख्य अभियंता संदीप जैन, ऑटोडेस्क निदेशक आशीष मित्तल और एनएचएआई के पूर्व सदस्य (तकनीकी) महावीर सिंह ने बुनियादी ढांचे के विस्तार से जुड़ी उभरती चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने गुणवत्ता बढ़ाने और परियोजना की समय सीमा को पूरा करने के लिए नई तकनीकों को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। पैनलिस्टों ने नवीन विचारों को बढ़ावा देने और इंजीनियरिंग कार्यों में अत्याधुनिक तकनीकों की उन्नति का समर्थन करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। क्वालिटी एशोरेंस अथोरटी के अध्यक्ष श्री राजीव अरोड़ा ने पैनलिस्टों को सम्मानित किया।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
पराली प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने को लेकर पीएचडीसीसीआई ने किया कांफ्रैंस का आयोजन
November 09, 2024
Comments 0