ऑपरेशन करने के लिए एम्स दिल्ली की तर्ज पर 28 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया पहला रोबोट चमियाणा पहुंच गया है तथा जुलाई महीने में इसको स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद मरीजों के ऑपरेशन इस आधुनिक तकनीक से शुरू हो जाएंगे।
ऑपरेशन करने के लिए एम्स दिल्ली की तर्ज पर 28 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया पहला रोबोट चमियाणा पहुंच गया है तथा जुलाई महीने में इसको स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद मरीजों के ऑपरेशन इस आधुनिक तकनीक से शुरू हो जाएंगे।
सीएम की दूरदर्शी सोच धरातल पर उतरी, मरीजों-डॉक्टरों को होगा फायदा
खबर खास, शिमला :
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में क्रांतिकारी परिवर्तन लाकर लोगों को विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सोच धरातल पर उतर रही है। शिमला में अटल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटिज, चमियाणा प्रदेश का पहला स्वास्थ्य संस्थान बनने जा रहा है, जहां पर डॉक्टर आज की सबसे आधुनिक तकनीकों से मरीजों का ऑपरेशन करेंगे।
ऑपरेशन करने के लिए एम्स दिल्ली की तर्ज पर 28 करोड़ रुपए की लागत से खरीदा गया पहला रोबोट चमियाणा पहुंच गया है तथा जुलाई महीने में इसको स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद मरीजों के ऑपरेशन इस आधुनिक तकनीक से शुरू हो जाएंगे।
अटल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिट चमियाणा के प्रिंसिपल डॉ. बृज लाल ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी का फायदा जहां मरीजों को मिलेगा, वहीं ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर भी इसका फायदा लेंगे। रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को आपरेशन के लिए बहुत ही छोटा चीरा लगाना होता है, जिससे कम खून बहता है और खून चढ़ाने की जरूरत भी कम ही पड़ती है। इससे मरीज को दर्द कम होता है और जल्द ठीक होकर अस्पताल से जल्द छुट्टी मिल जाती है। उन्होंने कहा कि सर्जन भी ज्यादा सटीकता और नियंत्रण से सर्जरी करने में सक्षम होते हैं। उन्हें लंबे ऑपरेशन में थकान महसूस नहीं होती, जिससे वह कम समय में ज्यादा मरीजों की सर्जरी करने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा डॉक्टर शरीर के तंग हिस्से के अंदर भी आसानी सें साफ-साफ देख सकते हैं क्योंकि इसमें थ्री-डी और बड़ी इमेज दिखती है, जिससे कोई भी गलती होने की गुंजाइश कम हो जाती है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार चमियाणा के साथ-साथ राजकीय मेडिकल कॉलेज, टांडा में भी अगले कुछ ही दिनों में रोबोटिक सर्जरी के लिए उपकरण पहुंचने वाले हैं। इसके बाद आईजीएमसी, शिमला तथा मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर के साथ-साथ अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी चरणबद्ध तरीके से रोबोटिक सर्जरी के लिए मशीनों की स्थापना की जाएगी। इससे प्रदेश के हजारों मरीजों को फायदा होगा और महंगी सर्जरी के लिए प्रदेश से बाहर जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
निश्चित रूप से रोबोटिक सर्जरी की शुरूआत के साथ हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, जिसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की दूरदर्शी सोच को जाता है।
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