प्रदेश सरकार ने आज, शुक्रवार को ठियोग में पेयजल आपूर्ति घोटाले में संलिप्त दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने पानी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
प्रदेश सरकार ने आज, शुक्रवार को ठियोग में पेयजल आपूर्ति घोटाले में संलिप्त दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने पानी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
ठेकेदार को किया ब्लैकलिस्ट, विजिलेंस जांच के लिए लिखा पत्र
खबर खास, शिमला :
प्रदेश सरकार ने आज, शुक्रवार को ठियोग में पेयजल आपूर्ति घोटाले में संलिप्त दस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने पानी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
जल शक्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. ओंकार चंद शर्मा ने सुपरिटेंडिंग इंजीनियर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है। इसके साथ ही विजिलें के एडीजीपी को विस्तृत जांच के लिए पत्र लिखा है।
निलंबित किए अधिकारियों में मत्याणा डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याणा एसडीओ परनीत ठाकुर, कोटी एसडीओ राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात एसडीओ विवेक शर्मा, ठियोग के जेई मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के जेई सुरेश कुमार, मत्याणा के जेई नीम चंद, रिटायर्ड जेई सुदर्शन और धरेच फागू के जेई सुनील कुमार शामिल हैं।
गौर रहे कि पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, 'पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक मोटर साइकिल पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जीप से 15000 लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94000 की रकम ठेकेदार को दी गई।'
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