प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन ने चुराह के भाजपा विधायक पर स्थानीय अल्पसंख्यक मुस्लिम युवती और उसके परिवार द्वार गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की उठाई मांग कहा विधायक को तुरंत किया जाए निष्कासित
प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन ने चुराह के भाजपा विधायक पर स्थानीय अल्पसंख्यक मुस्लिम युवती और उसके परिवार द्वार गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की उठाई मांग कहा विधायक को तुरंत किया जाए निष्कासित
खबर खास, शिमला :
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राज्य कमेटी सरकार व पुलिस प्रशासन से चुराह के बीजेपी विधायक पर एक स्थानीय अल्पसंख्यक मुस्लिम युवती व उसके परिवार द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न व प्रताड़ना के गंभीर आरोपो की निष्पक्ष जांच तथा विधायक के इस अमानवीय व अभद्र आचरण के लिए उनको तुरन्त निष्कासित करने की मांग करती है।
समिति की राज्य अध्यक्ष वीना वैद्य और राज्य सचिव फालमा चौहान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में युवती के द्वारा स्थानीय विधायक पर यौन उत्पीड़न तथा उसके बाद उसको व उसके परिवार को डराने के जो आरोप लगाए है उस पर निश्चित रूप से कानूनी कार्यवाही करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही युवती के पिता ने विधायक व उनके सहयोगियों पर युवती व उनको अगवा करके जबरन बयान बदलवाने तथा उनके घर को जलाने को लेकर जो बयान में गंभीर आरोप लगाए है वह पूरी तरह से कानून और व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते है और इससे विधायक के आचरण पर भी सवालिया उठते है।
उन्होंने कहा कि चुराह की इस शर्मनाक घटना ने बीजेपी के महिला विरोधी होने व साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने की राजनीति को उजागर किया है। सरकार द्वारा तुरन्त इस पर संज्ञान लेते हुए विधायक के खिलाफ मुकदमा दायर कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। यदि सरकार इस पर कार्यवाही नहीं करती है तो जनवादी महिला समिति इसको लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाएगी और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की जाती है और पीड़ितों को न्याय नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जनवादी महिला समिति ने पहले भी इस विधायक के विरुद्ध जब इसी युवती ने यौन उत्पीड़न व धमकाने के आरोप लगाए थे उस समय पर भी सरकार से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदर्शन कर उचित कार्यवाही की मांग की थी। परन्तु पुलिस की उदासीन व लचर कार्यप्रणाली के कारण इस मामले को दबाया गया तथा पीड़ित युवती व इसके परिवार पर डरा धमका व प्रताड़ित कर बयान बदलने के लिए दबाव बना कर उनको बयान बदलवाने के लिए मजबूर किया गया। इनको जान से मारने व घर जलाने की धमकी दी गई परन्तु पुलिस प्रशासन द्वारा उस पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।
समिति की ओर से कहा गया कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में सामाजिक उत्पीड़न जिसमें महिला व दलित उत्पीड़न के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुलिस में कुछ मामलों में मुकदमे दायर किए जाते हैं परन्तु इस पर पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई न होने से अपराधियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण ये चम्बा जिला के चौराह के विधायक पर युवती के द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बावजूद कोई कार्यवाही न करना है।
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