परियोजना को साकार रूप प्रदान करने के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान कर ली गई है और आईसीएआर-सीआईएफए, भुवनेश्वर द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
परियोजना को साकार रूप प्रदान करने के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान कर ली गई है और आईसीएआर-सीआईएफए, भुवनेश्वर द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
खबर खास, शिमला :
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ते हुए, राज्य सरकार द्वारा हमीरपुर जिला के नादौन में 25 करोड़ रुपये के निवेश से एक एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित किया जाएगा। परियोजना को साकार रूप प्रदान करने के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान कर ली गई है और आईसीएआर-सीआईएफए, भुवनेश्वर द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
यह पार्क रोज़गार एवं स्वरोज़गार और आजीविका सृजन का महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरेगा। सरकार के इस कदम से मत्स्य पालन क्षेत्र एक लाभदायक और टिकाऊ उद्यम के रूप में स्थापित होगा। यह आधुनिक फ्रेश वाटर एक्वा कल्चर तकनीकों को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने के केंद्र के रूप में कार्य करेगा। परियोजना के माध्यम से विविध एक्वा कल्चर और संबद्ध उपक्रमों जैसे मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य आहार निर्माण, मूल्य संवर्धन और विपणन से युवाओं और किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी।
यह पार्क उच्च गुणवत्ता वाले मत्स्य आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करके स्थानीय किसानों के लिए मत्स्य उत्पादन बढ़ाने में मदद करेगा। इसमें मछली के आहार को तैयार करने और उन्नत मत्स्य पद्धतियों के लिए प्रदर्शन इकाइयां भी निर्मित की जाएंगी। यह इकाइयां बेरोजगार युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगी जिससे इस क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
प्रस्ताव के अनुसार, यह पार्क भारतीय मेजर कार्प (रोहू - जयंती रोहू, कतला - अमृत कतला, मृगल), विदेशी कार्प (हंगेरियन और अमूर स्ट्रेन), माइनर कार्प (कुलवांस), कैटफ़िश (पंगेसियस, मुर्रेल) और सजावटी मछलियों (गोल्ड फिश, कोई कार्प, गप्पी, मौली) के उच्च-गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेगा। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित, इस एक्वा पार्क में कार्प और कैटफ़िश के लिए आधुनिक हैचरी सुविधाएं नर्सरी और पालन इकाइयां, ब्रूड स्टॉक पालन सुविधाएं, बायोफ्लोक और रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) जैसी उच्च-स्तरीय जलीय प्रणालियां, एक फीड मिल, सजावटी मछली पालन इकाइयां, एक सार्वजनिक एक्वेरियम, विपणन और इनक्यूबेशन सुविधाओं के साथ एक एक्वा शॉप, एक प्रशासनिक-सह-प्रयोगशाला और प्रशिक्षण परिसर, एक क्वारंटीन और आर्द्र प्रयोगशाला, एक अपशिष्ट उपचार संयंत्र और अन्य आवश्यक सुविधाएं शामिल होंगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है और मत्स्य पालन क्षेत्र किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। विभाग को किसानों के बीच आधुनिक मछली उत्पादन पद्धतियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे उन्हें उनकी मेहनत के लाभकारी दाम उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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