नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर के "हरियाणा स्टेट सेंटर" में डिप्टी डायरेक्टर जनरल एवं स्टेट इन्फोर्मेटिक ऑफिसर के पद पर नियुक्त दीपक बंसल आज करीब 37 साल के सेवाकाल के बाद सेवानिवृत हो गए।
नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर के "हरियाणा स्टेट सेंटर" में डिप्टी डायरेक्टर जनरल एवं स्टेट इन्फोर्मेटिक ऑफिसर के पद पर नियुक्त दीपक बंसल आज करीब 37 साल के सेवाकाल के बाद सेवानिवृत हो गए।
खबर खास, चंडीगढ़ :
नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर के "हरियाणा स्टेट सेंटर" में डिप्टी डायरेक्टर जनरल एवं स्टेट इन्फोर्मेटिक ऑफिसर के पद पर नियुक्त दीपक बंसल आज करीब 37 साल के सेवाकाल के बाद सेवानिवृत हो गए। उनकी सेवानिवृति के उपलक्ष में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया जिसमें अधिकारियों ने उनके सेवाकाल की प्रशंसा की।
इस अवसर पर दीपक बंसल ने एनआईसी में अपनी नौकरी की यात्रा के संस्मरण साझा करते हुए बताया कि उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एमसीए कक्षा पास करने के बाद 7 अक्तूबर 1988 को एनआईसी में "सिस्टम एनालिस्ट" के पद पर ज्वाइन किया था।
उन्होंने बताया कि उन्हें पहली बड़ी सफलता तब मिली जब सभी ट्रेजरी का कम्प्यूटरीकरण किया गया । एक बार जब हमने अपनी क्षमताओं को साबित कर दिया, तो एनआईसी को प्रशासन के भीतर बहुत सम्मान मिलना शुरू हो गया और हमारी भूमिका काफी बढ़ गई। दीपक बंसल ने बताया कि बाद में उनकी जॉब नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर के "हरियाणा स्टेट सेंटर" में ट्रांसफर हो गई , जहां उन्हें हरियाणा वेयरहाउसिंग परियोजना सौंपी गई।
उन्होंने आगे जानकारी दी कि इसके बाद उन्होंने निजी सचिवों और निजी सहायकों को प्रशिक्षण देना शुरू किया। इस कदम ने कौशल विकास और क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्ष 2005 में उन्होंने ई-दिशा परियोजना की कल्पना की, जो पूरे देश में सेवा वितरण के लिए एक आदर्श बन गई। समानांतर रूप से वे वित्त विभाग के लिए बजट तैयार करने के कार्य में भी शामिल हुए , जिसने हरियाणा के लिए "अत्याधुनिक, एंड-टू-एंड एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (IFMS)" विकसित करने की नींव रखी। इस प्रणाली को न केवल प्रशंसा मिली, बल्कि इसे पंजाब और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में सफलतापूर्वक लागू भी किया गया।
बंसल ने बताया कि वर्ष 2016 में, मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुरोध पर "सरल" ब्रांड नाम के तहत "सर्विसप्लस" को लागू करना शुरू किया। यह एक ऐसी परियोजना थी जिसने अकल्पनीय तरीकों से सेवा वितरण के प्रतिमान को बदल दिया। आज सरल के तहत विभिन्न विभागों में 550 से अधिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और 850 से अधिक सेवाओं की निगरानी कर रहे हैं।
इस परिवर्तनकारी पहल के लिए उनको प्रतिष्ठित "राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार (गोल्ड )" और "डिजिटल इंडिया पुरस्कार" से भी सम्मानित किया गया।
उन्होंने बताया कि 1 मई 2017 को उन्हें "राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी (SIO)"के रूप में नामित किया गया। उन्होंने बताया कि "कोविड-19 महामारी" के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान उन्होंने "एनआईसी-मीट" सहित "38 क्रिटिकल ऍप्लिकेशन्स" बनाने में लीड किया था , जिसका उद्देश्य नकदी, भोजन, दवाओं और औद्योगिक संचालन और अनुमतियों के मामले में समय पर राहत प्रदान करना था।
दीपक बंसल ने परिवार पहचान पत्र" की अवधारणा की "कोर कमेटी" का हिस्सा होने पर गर्व की अनुभूति करते हुए कहा कि यह एक "परिवार-आधारित डेटाबेस" की अनूठी पहल है। इसका उद्देश्य सक्रिय नागरिक सेवाएँ प्रदान करना है। उन्होंने अपने सेवाकाल पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें भारत में डिजिटल गवर्नेंस के विकास में योगदान देने के लिए बेहद गर्व है।उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा समय -समय पर उन्हें मार्गदर्शन देने और सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।
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