हिमाचल विधानसभा के धर्मशाला में शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन भ्रष्टाचार को लेकर खासा बवाल मचा। पहले दिन विपक्ष भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग के लिए सदन में काम रोको प्रस्ताव लेकर आया।
हिमाचल विधानसभा के धर्मशाला में शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन भ्रष्टाचार को लेकर खासा बवाल मचा। पहले दिन विपक्ष भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग के लिए सदन में काम रोको प्रस्ताव लेकर आया।
खबर खास, शिमला/धर्मशाला :
हिमाचल विधानसभा के धर्मशाला में शुरू हुए शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन भ्रष्टाचार को लेकर खासा बवाल मचा। पहले दिन विपक्ष भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा की मांग के लिए सदन में काम रोको प्रस्ताव लेकर आया। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सीएम कार्यालय, कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद चर्चा के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर समेत सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों के बीच कई बार तीखी नोक-झोंक हुई।
कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि कोरोना काल में जब 1000 लोग मर गए थे, तो भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजीव बिंदल ने पीपीई किट में घोटाला किया। आज उन्हीं के समर्थन में भाजपा प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में 51% कर्जा बढ़ा है और प्रति व्यक्ति कर्ज की सीमा 1.50 लाख हुई।
वहीं, सीएम ने कहा कि पीपीई किट घोटाले के बाद राजीव बिंदल को पद से कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। मगर पूर्व सरकार ने गलत आदमी को पीपीई घोटाले में फंसाया और भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दायर की। अब भ्रष्टाचार पर हुई चर्चा का विस्तृत जवाब कल मुख्यमंत्री देंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता में कांग्रेस सरकार को दो साल हो गए। अगर ऐसा था तो सरकार ने फिर कार्रवाई क्यों नहीं की।
इससे पहले स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने भ्रष्टाचार पर चर्चा की मंजूरी देने के लिए भाजपा को भ्रष्टाचार के सबूत देने को कहा। इस वजह से सदन को कुछ देर के लिए स्थगित किया गया। लंच के बाद सदन में इस पर चर्चा हुई और बीजेपी ने कुछ भ्रष्टाचार के कुछ प्रमाण दिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू इस चर्चा का विस्तृत जवाब कल देंगे।
सदन में चार विधेयक पेश किए
विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव के बीच सदन में आज 4 विधेयक भी पेश किए गए। इनमें सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक-2024, पुलिस संशोधन विधेयक-2024, पंचायती राज संशोधन विधेयक-2024 और प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक-2024 को सदन में रखा गया।
भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक यानी लैंड सीलिंग विधेयक सबसे महत्वपूर्ण बिल है। कांग्रेस सरकार राधा स्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने जा रही है। इससे जुड़ा विधेयक राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी सदन में पेश किया। अब इस पर परसों तक सदन में चर्चा संभव है। चर्चा के बाद सरकार इसे पारित करवाएगी।
दरअसल प्रदेश के लिए काफी अहम बिल है, डेरा ब्यास चाहता है कि हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक उनकी ही सहयोगी संस्था महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी के नाम की जाए। इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट 1972 में संशोधन जरूरी है। लेकिन मौजूदा लैंड सीलिंग एक्ट इसकी इजाजत नहीं देता, क्योंकि राधा स्वामी सत्संग ब्यास के साथ साथ प्रदेश में दूसरी धार्मिक संस्थाओं को लोगों ने हजारों बीघा जमीन दान कर रखी है। गौर रहे कि जब यह कानून बना तो राजा-रजवाड़ा, देवी-देवताओं और बड़े किसानों जिनके पास सीलिंग एक्ट की लिमिट से ज्यादा जमीन थी, वह सरकार में वेस्ट हो गई थी। मगर धार्मिक संस्थाओं को इस शर्त के साथ छूट दी गई कि ये जमीन नहीं बेच पाएंगे। अब राधा स्वामी सत्संग ब्यास सरकार पर इसे सहयोगी संस्था के नाम ट्रांसफर करने की अनुमति मांग रहा है।
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