पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी पार्थिव देह सेना की तोपगाड़ी पर दिल्ली के निगमबोध घाट लाया गया। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी शवयात्रा के साथ रहे। निगमबोध घाट में पूर्व पीएम को तीनों सेनाओं ने सलामी दी।
खबर खास, नई दिल्ली :
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी पार्थिव देह सेना की तोपगाड़ी पर दिल्ली के निगमबोध घाट लाया गया। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी शवयात्रा के साथ रहे। निगमबोध घाट में पूर्व पीएम को तीनों सेनाओं ने सलामी दी। राजकीय सम्मान के बाद अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की गईं। उनकी बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी।
निगम बोध घाट पर डा. मनमोहन की पत्नी गुरशरण कौर, बड़ी बेटी उपिंदर सिंह (65), दूसरी बेटी दमन सिंह (61) और तीसरी बेटी अमृत सिंह (58) मौजूद थे। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। पूर्व पीएम को अंतिम विदाई देने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंचे।
अंतिम संस्कार के दौरान भी मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पगड़ी पहनाई गई। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को याद रखने के लिए उसके एक रंग को अपनी पगड़ी का सिग्नेचर कलर बना लिया था। डॉ. मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को सुबह 9:30 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया था। जहां कांग्रेस के बड़े छोटे नेताओं और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी श्रद्धांजलि पेश की। उसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई। राहुल गांधी पार्थिव देह के साथ गाड़ी में बैठे थे। राहुल गांधी इस दौरान और अंतिम संस्कार के दौरान काफी भावुक दिखे।
वहीं, निगमबोध घाट पर डा.मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है। केसी वेणुगोपाल ने कहा- सरकार पूर्व पीएम का स्मारक
बनाने के लिए जमीन तक नहीं तलाश पाई। ये देश के पहले सिख पीएम का अपमान है।
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी-शाह से मांग की थी कि मनमोहन सिंह का जहां अंतिम संस्कार हो, वहीं स्मारक बनाया जाए। हालांकि, गृह
मंत्रालय ने देर रात बताया कि स्मारक की सही जगह तय करने में कुछ दिन लग सकते हैं।
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