राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भाषायी लिपि यदि देवनागरी होती तो सभी भाषाओं को आसानी से समझा और जाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि बहुभाषी देश होने के बावजूद यहां अनेकता में एकता है और यही भारत की विशेषता है।