इस निर्णय के अनुसार 10 वर्ष या उससे अधिक दैनिक सेवा के बदले अधिकतम दो वर्ष की नियमित सेवा का लाभ पेंशन गणना के लिए दिया जाएगा।
इस निर्णय के अनुसार 10 वर्ष या उससे अधिक दैनिक सेवा के बदले अधिकतम दो वर्ष की नियमित सेवा का लाभ पेंशन गणना के लिए दिया जाएगा।
खबर खास, शिमला :
प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के कल्याण के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जो 15 मई, 2003 के बाद नियमित हुए हैं उन्हें पांच वर्ष की दैनिक सेवा के बदले एक वर्ष की नियमित सेवा का लाभ पेंशन गणना के लिए दिया जाएगा। इस निर्णय के अनुसार 10 वर्ष या उससे अधिक दैनिक सेवा के बदले अधिकतम दो वर्ष की नियमित सेवा का लाभ पेंशन गणना के लिए दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उच्च स्तरीय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह फैसला लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि चतुर्थ श्रेणी के वे कर्मचारी जिनको सेवानिवृत्ति के समय 10 वर्ष से कम नियमित सेवा होने के कारण पेंशन का लाभ नहीं दिया गया था उन्हें अब पांच वर्ष की दैनिक सेवा के बदले एक वर्ष की नियमित सेवा का लाभ देने से यदि वे 10 वर्ष की अर्हक सेवा पूरा करते हैं तो पैंशन का लाभ प्राप्त होगा। सीसीएस पेंशन नियम 1972 के तहत पेंशन देने के लिए 10 वर्ष की दैनिक सेवा के विरुद्ध अधिकतम दो वर्ष की अर्हक सेवा पर विचार किया जाएगा।
सुक्खू ने कहा कि सरकार ऐसे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को पुनः पुरानी पेंशन योजना चुनने का विकल्प देगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही अपने कर्मचारियों के लिए प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू की है जिसके बाद सरकारी कर्मचारी पुरानी पैंशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों के रक्षा के लिए वचनबद्ध है तथा समय-समय पर उन्हें वित्तीय लाभ प्रदान किये जा रहे हैं।
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