पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने कहा
बोले, सीएम मान इस मामले में लें सख्त स्टैंड, पंजाब डैम सेफ्टी एक्ट भी बना जुमला
कहा -पंजाब में कानून व्यवस्था खत्म, अपराधी और पुलिस सरकार के कंट्रोल में नहीं
'बेअदबी और पुलिस भ्रष्टाचार के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह जिम्मेदार, इसलिए राहुल ने हटाया था कैप्टन को'
खबर खास, चंडीगढ़/ जालंधर :
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव, पूर्व शिक्षा मंत्री और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने पंजाब दिवस पर पंजाबी यूनिवर्सिटी के सीनेट को भंग कर पंजाब के अधिकारों पर डाका मारने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की जमकर निंदा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का मकसद आरएसएस के जरिए एजुकेशन सिस्टम को कंट्रोल करना है। पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनेट को भंग करना भी इसी का हिस्सा है, जोकि पूरी तरह से गैर संवैधानिक है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी और जल्द ही इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।
परगट सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एजुकेशन सिस्टम पर कंट्रोल करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है। पंजाब यूनिवर्सिटी में होने वाले एक सैमीनार पर भी कितने सवाल खड़े कर दिए गए थे। स्टूडेंट्स से भी दाखिला फार्म में शर्तों पर साइन करवाए जा रहे हैं कि वह वहां कोई भी एक्टिविटी नहीं कर सकेंगे और कोई धरना नहीं लगा सकेंगे। यह उनके अधिकारों का हनन है। केंद्र ने पंजाब से यह अधिकार छीन लिया है।
इससे सात जिलों के एफिलिएटिड कालेजों, तीन रिजनल कैंपसों समेत डीपीआई कालेजेज पूरी तरह प्रभावित होंगे। उनको दरकिनार करके प्रक्रिया बना दी है, जो बिल्कुल सरकारी हो। आरएसएस इस सिस्टम को ड्राइव कर रही है। स्टाफ आरएसएस बैकग्राउंड से लगाया जा रहा है। तभी उनका कब्जा एजुकेशन सिस्टम पर रहे। उनका हर हमला पंजाब के समस्त ढांचे को कमजोर करने की साजिश है।
पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने इस मामले में आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की मंशा पर आशंका जताते हुए कहा कि उन्हें सख्त स्टैंड लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले ही भगवंत मान सरकार भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड (बीबीएमबी) मामले में पंजाब का अपना सेफ्टी एक्ट लाने के वादे को जुमले में बदल दिया है। वह भाजपा के कहने पर एक्ट नहीं लाए। अभी तक तो लग रहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान दोनों तरफ से दिल्ली के कंट्रोल में हैं। एक तरफ केजरीवाल और दूसरी तरफ भाजपा के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के काम चलाऊ रवैये के चलते पंजाब के लिए यह खतरे पैदा हो रहे हैं। अब चंडीगढ़ की बारी है। चंडीगढ़ पर बात आएगी तो तब भी सरकार भापजा के साथ हाथ न मिला ले। सीएम भगवंत मान ने तो बीते समय में 10 एकड़ जमीन दे दी थी। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से अपील की है कि वह पार्टियों से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर एकजुट होकर अपना हक लें।
परगट सिंह ने कानून व्यवस्था को लेकर भी पंजाब सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था खत्म हो चुकी है। पुलिस फोर्स का उत्साह किसी दूसरे ही स्तर पर पहुंच गया है। पुलिस में अब कुछ अपराधिक सोच वाले लोग भी आ चुके हैं। तरनतारन उपचुनाव के मामले में उन्होंने कहा कि चार दशकों से माझा खास कर तरनतारन पर किसी भी राजनीतिक पार्टी ने कभी ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से आज वहां यह हालात हैं।
पूर्व मुख्ममंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बेअदबी और पुलिस भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए परगट सिंह ने कहा कि इसी कारण राहुल गांधी न उन्हें उनके पद से हटाया था। ईडी के पूर्व डायरैक्टर निरंजन सिंह पर भी परगट भड़के। कहा कि नौकरी में रहते हुए जो अधिकारी बात नहीं करते और सेवामुक्त होने के बाद अगर सरकारों को घेरते हैं तो उनकी स्टेटमैंट का कोई मतलब नहीं है।
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