यह केवल समय की उपलब्धि नहीं, बल्कि जनता के विश्वास, पारदर्शी सुशासन, आर्थिक सुधारों और जन समर्पित नीतियों की ऐतिहासिक यात्राः ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू
नेतृत्व पर भरोसा, भविष्य पर विश्वासः रजनी पाटिल
जनता का सौंपा विश्वास, मेरी सबसे बड़ी ताकतः मुख्यमंत्री
खबर खास, शिमला/मंडी :
हिमाचल प्रदेश सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज मंडी के पड्डल मैदान में भव्य जन संकल्प सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रदेश भर से आए हजारों लोगों की अभूतपूर्व उपस्थिति ने इसे उत्सवी माहौल बना दिया। सम्मेलन में राज्य की विकास यात्रा, व्यवस्था परिवर्तन, सुशासन, आर्थिक सुधार, सामाजिक कल्याण और जनता की भागीदारी के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का तेजस्वी व प्रभावक रूप प्रदर्शित हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने अपने सम्बोधन में कहा कि पिछले तीन वर्ष जनता-हित, पारदर्शिता और प्रणालीगत सुधारों के रहे हैं, जिनका उद्देश्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना, युवाओं को सशक्त बनाना, कमजोर वर्गों को सुरक्षा देना और हिमाचल प्रदेश को समृद्ध, हरित और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार की हर योजना का केन्द्र बिन्दु जनता है और हमारा हर निर्णय जनता के विकास, सुुविधा व प्रदेश के भविष्य को ध्यान में रखकर लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने सत्ता संभाली उस समय प्रदेश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई थी। पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश की आर्थिक सेहत और संपदा के साथ खिलवाड़ किया था। हमने संकल्प लिया कि जो व्यवस्था हमें विरासत में मिली है हम उसे बदलकर एक आत्मनिर्भर और समृद्ध हिमाचल की नींव रखेंगे। उन्होंने कहा कि तीन साल में कांग्रेस सरकार ने ऐतिहासिक और क्रांतिकारी निर्णय लिए हैं। हमने चुनाव के समय 10 गारंटियां दी थीं जिनमें से सात को पूरा कर समाज के विभिन्न वर्गों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश के 1,36,000 कर्मचारियों से किए गए ओपीएस के वायदे को पहली कैबिनेट बैठक में पूरा किया और सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सम्मान व आर्थिक सुरक्षा प्रदान की। प्रदेश सरकार ने जब ओपीएस शुरू की तो केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपये की बॉरोइंग बंद कर दी जिससे प्रदेश सरकार को तीन वर्ष में 4800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत पात्र महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से सम्मान राशि के रूप में हर महीने 1500 रुपये प्रदान किया जा रहे हैं। वर्तमान में 35,687 महिलाओं को यह लाभ दिया गया है। पूर्व में अन्य पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हो रही 2,37,000 महिलाओं को भी इसके दायरे में लाकर मासिक पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना शुरू की है और प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू करने की गारंटी को पूरा किया है। राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए गाय के दूध पर 51 रुपये और भैंस के दूध पर 61 रुपये प्रति लीटर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गोबर खरीदने की योजना शुरू की गई है। बागवानों को बेहतर दाम सुनिश्चित करने के लिए यूनिवर्सल कार्टन प्रणाली शुरू की गई है और हिमाचल बागवानी नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है।
उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने निरंतर नई पहल की और अब तक सरकार 23,200 युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है, जबकि पिछली सरकार 5 वर्षों में केवल 20,000 नौकरियां ही दे पाई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार प्रदेश पर 76,185 करोड़ रुपये का कर्ज छोड़कर गई जिसके मूलधन का भुगतान और ब्याज की वापसी हमें करनी पड़ रही है। वर्तमान सरकार को मजबूरी में जो लोन लेना पड़ रहा है उसका 70 प्रतिशत विरासत में मिले कर्ज का मूलधन और ब्याज चुकाने में ही जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 की बरसात के दौरान प्रदेश में 12000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ लेकिन केंद्र सरकार ने कोई विशेष मदद नहीं की। प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को अपने संसाधनों से 4500 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया और आपदा प्रभावितों को दिए जाने वाले मुआवजा में ऐतिहासिक वृद्धि की। प्राकृतिक आपदा से इस वर्ष भी हिमाचल को लगभग 12000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार ने कोई आर्थिक मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बताएं कि वो जो प्रदेश को 5000 करोड़ रुपये मिलने का दावा कर रहे हैं वह पैसा कहां है। इसके दस्तावेज कहां है। झूठ कौन बोल रहा है हम बोल रहे हैं या भाजपा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा को विशेष अधिमान दे रही है। सामाजिक सुरक्षा के तहत पिछले 3 वर्षों में 12095 लाभार्थियों को 28 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 6000 बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत प्रदेश में 19,479 विधवा, निराश्रित तथा दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है जिसके परिणामस्वरुप राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग में 21वें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने का महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है और 20 विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों का कार्य शुरू कर दिया गया है उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में वर्तमान सरकार की पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवीन प्रौद्योगिकी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। चमियाना अस्पताल और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी से चिकित्सा क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा मशीनें प्रदान करने पर 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी तथा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधार किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विशेष राजस्व अदालतों में रिकॉर्ड 4,63,000 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं, मक्की और कच्ची हल्दी को क्रमशः 60, 40 और 90 पर प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र को विस्तार देते हुए प्रदेश सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं पर 3000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है और देहरा के बनखंडी में 619 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर विकसित किया जा रहा है।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। प्रदेश में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं और प्रदेश सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये की राजीव गांधी वन संवर्धन योजना चलाई जा रही है। सरकार ने उद्योग, ई-वाहन और परिवहन क्षेत्र में भविष्य की ऊर्जा खपत का लगभग 90 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के दोहन से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल के हकों के लिए मजबूती से अपना पक्ष रखा है। प्रदेश सरकार ने वित्तीय प्रबंधन, आबकारी नीति में बदलाव और नए संसाधनों का सृजन करके तीन वर्षों में 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व कमाया है जिसे सामाजिक कार्यों के लिए खर्च किया जा रहा है। वाइल्ड फ्लावर हाल मामले में सरकार ने कानूनी लड़ाई जीती है जिससे प्रतिवर्ष 20 करोड़ रुपयेे की आय होगी। कड़छम वांगतु परियोजना में रॉयल्टी 12 से 18 प्रतिशत होने से हर वर्ष 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रहारक शब्दों में कहा कि जो लोग चिट्टा बेचते हैं, जो बच्चों के भविष्य को जहर दते हैं, जो घर बर्बाद करते हैं, उनके लिए देवभूमि हिमाचल में कोई जगह नहीं है। हम ऐसा हिमाचल बनाना चाहते है, जहां चिट्टे का नाम सिर्फ इतिहास की किताबों में लिखा जाए, एक खत्म हो चुकी बुराई की तरह।
मुख्यमंत्री ने जनता के अटूट विश्वास, समर्थन और सहभागिता के लिए धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाला समय परिवर्तन, प्रगति और पारदर्शी शासन का होगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा, ‘आइये हम सब मिलकर हिमाचल के बेहतर कल के लिए संकल्पित हों।’
प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने की सरकार की तारीफ
जन संकल्प सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने प्रदेश कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सरकार के उल्लेखनीय कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश ने विकास के नए मानक स्थापित किए हैं। सरकार ने सिर्फ घोषणाएं नहीं कीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम करते हुए प्रदेश के हर वर्ग के लिए ठोस पहलें की हैं। रजनी पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने आपदा और आर्थिक अन्य गंभीर चुनौतियों का सामना करते हुए हिमाचल को एक आत्मनिर्भर, सक्षम और प्रगतिशील राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं।
सरकार ने प्रदेश की प्रगति और समग्र विकास के लिए उठाए कई अहम कदम, बोले अग्निहोत्री
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के तीन वर्षों की उपलब्धियां ऐतिहासिक हैं, क्योंकि ये उपलब्धियां केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर हुए वास्तविक कार्यों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पेयजल आपूर्ति व्यवस्था, सांस्कृतिक संरक्षण व संवर्धन, बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, कृषि तथा बागवानी क्षेत्रों में, जो कदम उठाए गए हैं, वे हिमाचल प्रदेश की निरंतर प्रगति और समग्र विकास को दर्शाते हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जो निर्णय और नीतियां लागू की हैं, वे न केवल प्रदेश में परिवर्तन ला रही हैं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक रूप से सराही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल मॉडल आज देश में चर्चा का विषय है और सरकार की उपलब्धियां हर मंच पर उजागर हो रही हैं।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह सरकार कागजों पर नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर काम कर रही है और आगामी वर्षों में विकास की यह गति और अधिक तेज होगी।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता दिल्ली से हिमाचल के हकों को रोकने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के हकों की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने एचआरटीसी की उपलब्धियों का विवरण देते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों का पर्दाफाश किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के पिछले तीन वर्ष में उपलब्धियों और क्रांतिकारी बदलावों के स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने सामाजिक न्याय, आर्थिक प्रगति और समावेशी विकास के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
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