हरियाणा पर्यटन निगम लिमिटेड ने राजस्व बढ़ाने के लिए पिंजौर के यादविंद्र गार्डन को एक विशेष विरासत विवाह स्थल के रूप में पेश किया है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य इस ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व का उपयोग करना है, साथ ही इसके संसाधनों का सतत और लाभकारी उपयोग सुनिश्चित करना है।
राजस्व बढ़ाने के लिए हरियाणा पर्यटन निगम की पहल
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा पर्यटन निगम लिमिटेड ने राजस्व बढ़ाने के लिए पिंजौर के यादविंद्र गार्डन को एक विशेष विरासत विवाह स्थल के रूप में पेश किया है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य इस ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व का उपयोग करना है, साथ ही इसके संसाधनों का सतत और लाभकारी उपयोग सुनिश्चित करना है।
हरियाणा पर्यटन निगम लिमिटेड के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मुगल काल की भव्यता के प्रतीक यादविन्द्र गार्डन, शिवालिक की तलहटी में स्थित है, जो इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। चार महीने के पायलट प्रोजेक्ट के तहत, यह स्थल विवाह समारोहों के लिए खोला जाएगा, जिसमें इसके आकर्षक लॉन, विरासत संरचनाएं, फव्वारे, पर्याप्त पार्किंग, और मनोरम दृश्य उपलब्ध कराए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस स्थल पर विवाह समारोह के लिए पूरे गार्डन का 10 लाख रुपये किराया और लागू कर प्रति समारोह, जबकि जल महल, मंच और सभा स्थल के लिए 6 लाख रुपये किराया और लागू कर प्रति समारोह है। इसके अलावा, रंग महल से जल महल और मंच क्षेत्र के लिए 8 लाख रुपये किराया और लागू कर प्रति समारोह है। इसके अतिरिक्त, यादविंद्र गार्डन में 20 सुंदरता से डिजाइन किए गए कमरे और सूट्स हैं, जिनमें प्रसिद्ध रंग महल और शीश महल शामिल हैं। इनके किराए 2,339 से लेकर 6,000 रुपये प्रति रात तक हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा पर्यटन ने आयोजन के दौरान गार्डन की विरासत को सुरक्षित रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। अस्थायी सजावट गार्डन की सौंदर्यात्मकता के अनुरूप होनी चाहिए और एचटीसी प्रबंधन से पूर्व स्वीकृत होनी चाहिए, पर्यावरण मानकों का पालन सुनिश्चित करना, कचरे का उचित प्रबंधन और पटाखों का सीमित उपयोग करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, भीड़ प्रबंधन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था आवश्यक होगी। स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से पर्याप्त पार्किंग की सुविधा आवश्यकता अनुसार वैलेट पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। आयोजकों को कैटरिंग के लिए रसोई क्षेत्र उपलब्ध कराया जाएगा और अन्य व्यवस्थाएं प्रबंधन से अनुमोदित करवानी होगी।
उन्होंने बताया कि इस पहल की व्यवहार्यता और राजस्व क्षमता का मूल्यांकन पायलट अवधि के दौरान किया जाएगा। एचटीसी इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि इस स्थल की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अखंडता संरक्षित रहे, साथ ही इसे एक प्रीमियम विवाह स्थल के रूप में प्रस्तुत किया जाए। यह कदम न केवल वित्तीय घाटे को कम करने की दिशा में है, बल्कि हरियाणा पर्यटन की विरासत स्थलों को अभिनव तरीकों से बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। आयोजनकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे प्रचार सामग्री में एचटीसी का लोगो और ब्रांडिंग शामिल करें, ताकि इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया जा सके।
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