पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा नहर के पानी को लेकर चल रहे विवाद के बीच सोमवार को पंजाब विधानसभा का स्पेशल सत्र चलाया गया। सत्र में सबसे पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन में सभी राजनीतिक पार्टियों ने हरियाणा को पानी न देने का प्रस्ताव एक सुर में पारित किया। इसके साथ ही विस में छह प्रस्ताव भी पारित किए गए।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा नहर के पानी को लेकर चल रहे विवाद के बीच सोमवार को पंजाब विधानसभा का स्पेशल सत्र चलाया गया। सत्र में सबसे पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन में सभी राजनीतिक पार्टियों ने हरियाणा को पानी न देने का प्रस्ताव एक सुर में पारित किया। इसके साथ ही विस में छह प्रस्ताव भी पारित किए गए।
करीबन पांच घंटे चले सत्र के दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा को अभी तो हम पानी दे रहे हैं लेकिन यह आगे नहीं मिलेगा। सीएम मान ने कहा कि जिन मोटरों से सऊदी अरब में तेल निकालते हैं। उसी तरह की मोटरों से हम पानी निकाल रहे हैं। अब नीचे से गर्म पानी आ रहा है। जब हमारी सरकार ने शपथ ली तो उस समय 22% नहरी पानी प्रयोग कर रहे थे। अब 60% से अधिक एरिया में नहरी पानी प्रयोग कर रहे हैं। हम पुरानी सरकारों की गलतियों का नतीजा भुगत रहे हैं।
मान ने कहा कि हम किसी का हक नहीं मार रहे हैं। पंजाब ने 2015 से 2025 तक पानी के इस्तेमाल का डेटा दिया है। हमारी इन्हीं चीजों ने उनकी आदतों को बिगाड़ा है। हरियाणा ने हमेशा ही तय लिमिट से अधिक पानी प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा को हमने छह महीने में छह पत्र लिखकर रिमांडर दिया लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। मान ने कहा कि पौंग डैम में पानी 33 फुट कम पानी है और कमोबेश यही स्थिति अन्य दो डैमों की भी है। लेकिन फिर भी मानवता के आधार पर चार हजार क्यूसिक पानी दे रहे हैं, लेकिन बजाए आभार जताने के रातों रात बीबीएमबी का चेयरमैन बदलकर पानी ले गए। उन्होंने बताया कि बीबीएमबी की मीटिंग में हरियाणा और राजस्थान ने पंजाब के खिलाफ वोट डाला, लेकिन पंजाब ने किनारा कर लिया। हिमाचल सरकार चुप रही। चुप रहना भी अपराध में शामिल होना जैसा है।
मान ने कहा कि बीबीएमबी रावी, सतलुज, ब्यास व भाखड़ा से संबंधित है। इसमें हरियाणा और राजस्थान का हिस्सा है, लेकिन इन दोनों का कौन सा हिस्सा पंजाब से लगता है। बीबीएमबी सफेद हाथी है। उसका सारा खर्च पंजाब उठाता है। वहां पर हरियाणा व राजस्थान के अफसर आते हैं। उन्हें सैलरी पंजाब देता है। ऐसे में बीबीएमबी को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि जब हमारे पास पानी है ही नहीं तो हम कहां से पानी देंगे। अब अफसर बदले जा रहे हैं। अब एक घंटा पहले गेट खोलने के लिए हिमाचल के अफसर की ड्यूटी लगा दी है। अभी भी केंद्र वाले हट नहीं रहे हैं।
सीएम ने कहा कि यह कहते हैं पानी पाकिस्तान जाता है। मेरे पास डेटा है, जिससे साफ है कि वहां पर एक बूंद पानी की नहीं जाती। 21 मई में 15 दिन रह गए हैं। 20 मई की रात को 12 बजे पानी छोड़ देंगे।
वहीं, वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और अकाली दल ने माना है कि गलतियां हुईं। इन लोगों ने कभी पंजाब के बारे में नहीं सोचा। इन्होंने पंजाब का पानी बेचा। मेरी इनसे विनती है कि इस हाउस के अंदर खड़े होकर माफी मांगें, ताकि लोगों को राहत मिले।
गलतियों की सजा हम भुगत रहे हैं इस पर प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हमने कोई गलती नहीं मानी है। हमने तो कहा कि आपके नेता माफी मांग लें, तो हम मांग लेंगे। हरपाल ने कहा कि उस समय पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री दरबारा सिंह थे। उनके पारिवारिक सदस्य या रिश्तेदार जो सदन में मौजूद हैं, माफी मांग लें। क्योंकि जितनी अतीत की गलतियां हुई हैं, उसकी सजा हम भुगत रहे हैं।
केंद्र सरकार पंजाब पर हमले पर हमले कर रही उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार अब हमसे धक्का कर रही है। पहले केंद्र सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई। संघर्ष के बाद वापस हुए। फिर आरडीएफ के पैसे रोक लिए। आठ हजार करोड़ रुपए रोक लिए हैं। केंद्र की बीजेपी सरकार पंजाब पर हमले पर हमले कर रही है। हम इन सभी चीजों का जवाब देंगे। सीएम भगवंत मान के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पास किया जाना चाहिए।
सत्र के दौरान आप विधायक अमृतपाल सुखानंद ने बीबीएमबी के फैसले को गैरकानूनी बताते हुए उसकी कॉपी फाड़ दी। उन्होंने कहा कि पंजाब के पास अब पानी नहीं बचा है। 5 दरियाओं से बने पंजाब में अब केवल 3 दरिया बचे हैं।
सुखपाल खैहरा के बोलने को लेकर प्रताप सिंह बाजवा और डिप्टी स्पीकर जयकिशन रोड़ी में बहस हो गई। बाजवा ने कहा कि खैहरा को बोलने का मौका दिया जाए। इस पर डिप्टी स्पीकर ने कहा कि बोलने का मौका दिया जाएगा
मंत्री तरुणप्रीत सोंध ने कहा कि राइपेरियन लॉ क्या है, इसे समझना जरूरी है। यह नियम कहता है कि जब पानी कुदरती तरीके से बहता है, तो उन नदियों के किनारे बसे लोगों को पहले पानी का अधिकार मिलता है, लेकिन इस पानी को दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता। कांग्रेस ने देश के लोगों से वादा किया था कि जब देश आजाद होगा, तो इसे तीन आधारों पर बांटा जाएगा, लेकिन वे इस वादे को भूल गए। उन्होंने कहा, पंजाब के 153 ब्लॉकों में से 117 ब्लॉक में पानी नहीं है। ये सभी इलाके डार्क जोन में आ चुके हैं। 1950 में कांग्रेस की सरकार ने पंजाब की नहरों का प्लान बनाया। सबसे पहले भाखड़ा में नंगल डैम बनाया गया, फिर हरिके डैम बनाया गया, जो राइपेरियन लॉ के विपरीत था। इसके बाद ब्यास नदी पर पंडोह डैम बनाया गया और इसे गोबिंद सागर से जोड़ा गया। 1954 में भाखड़ा मेन कैनाल निकाली गई। यह सब राइपेरियन लॉ का उल्लंघन है।
हम पंजाब सरकार के साथ, बोले नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा
वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पंजाब के हकों के लिए हम सभी एकजुट हैं। पंजाब विधानसभा से पूरे देश में यह आवाज जानी चाहिए कि हम अपने अधिकारों के लिए खड़े हैं। हम आपकी बात का समर्थन करते हैं और केंद्र सरकार पंजाब के हकों पर डाका डाल रही है। उन्होंने कहा, इस मामले को लेकर सभी नेताओं को एकजुट होना पड़ेगा। ऐसे ही हालात 21 साल पहले भी बने थे। उस समय कांग्रेस सरकार ने सभी फैसलों को रद्द कर दिया था, और उसी वजह से आज तक पंजाब का पानी सुरक्षित है। जैसे आज हम आपका साथ दे रहे हैं, उसी तरह उस समय के राजनीतिक दलों ने कांग्रेस का साथ दिया था।
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि सदन फैसला लेता है कि हमें यह मंजूर नहीं कि पंजाब सरकार अपने हिस्से से एक भी बूंद पानी हरियाणा को नहीं दे सकती। इंसानियत के नाते पीने के लिए साढ़े 4 हजार क्यूसिक पानी दे रहे हैं, उसके अलावा अतिरिक्त पानी नहीं देंगे। पंजाब 3 दरियाओं का मालिक होकर भी पानी को तरसता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीबीएम थानेदार सरीखा व्यवहार कर रहा है।
कांग्रेस के विधायक परगट सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद कई चीजों में बदलाव हुआ है। सिंधु जल समझौता को सस्पेंड किया गया। इसका असली हकदार पंजाब है। जब हरियाणा बना, तो उसे पांच साल के लिए चंडीगढ़ में जगह दी गई थी। लेकिन अब तक यह चल रहा है। पंजाब पुनर्गठन की धारा 78 और 79 रद्द करनी चाहिए। डैम सेफ्टी एक्ट को कैंसिल करना चाहिए। वहीं, अब बीबीएमबी हाईकोर्ट पहुंच गया है। इसके साथ ही एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाए।
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