पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर रार बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार को नंगल डैम पर पानी छुड़वाने के लिए पहुंचे बीबीएमबी के चेयरमैन को आप के कार्यकर्ताओं ने बंधक बना लिया। इसके साथ ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया।
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर रार बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार को नंगल डैम पर पानी छुड़वाने के लिए पहुंचे बीबीएमबी के चेयरमैन को आप के कार्यकर्ताओं ने बंधक बना लिया। इसके साथ ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर रार बढ़ती ही जा रही है। गुरुवार को नंगल डैम पर पानी छुड़वाने के लिए पहुंचे बीबीएमबी के चेयरमैन को आप के कार्यकर्ताओं ने बंधक बना लिया। इसके साथ ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। मौके पर पहुंचे सीएम भगवंत मान ने कहा कि चेयरमैन बिना किसी जानकारी के डैम पहुंच गए और पंजाब का 200 क्यूसिक पानी रोककर हरियाणा को दिया। चेयरमैन को बताया गया कि आपके पास ऐसा अधिकार नहीं है। इसके बाद पंजाब को पानी की सप्लाई शुरू की है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने ऑर्डर किया कि दो तारीख को केंद्र सरकार के होम सेक्रेटरी के आदेश पर चलो। उसमें कहीं भी ऐसा नहीं है कि पानी दें। मीटिंग के बाद प्रेस नोट जारी किया गया कि हरियाणा की 4,500 क्यूसिक अतिरिक्त पानी छोड़ने पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ऑर्डर नहीं है, बल्कि प्रेस रिलीज है। जब इस बारे में आज चेयरमैन से पूछा गया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।
गौर रहे कि बीती रात भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के एक अधिकारी ने नंगल डैम से जबरन पानी छोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। सुबह बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी भी भाखड़ा नंगल डैम पहुंचे, लेकिन उन्हें डैम में नहीं जाने दिया गया। इसके बाद वह सतलुज भवन में पहुंचे। यहां शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और भवन के मेन गेट में ताला लगा दिया। दोपहर में डीआईजी हरचरण भुल्लर पहुंचे और उन्होंने चेयरमैन को किसी तरह वहां से निकलवाया।
सीएम ने कहा कि हम पानी की लड़ाई के मामले में कानूनी तौर पर बिल्कुल सही हैं। हरियाणा को पानी के बारे में बताने के लिए छह पत्र लिखे थे, जबकि बीबीएमबी वाले इस मामले को लेकर हाईकोर्ट चले गए। हरियाणा जाता तो बात अलग थी। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी पर 60 फीसदी पंजाब की हिस्सेदारी है। यह रोचक चीज है कि बीबीएमबी इस मामले को अदालत में नहीं ले जा सकती थी, लेकिन फिर भी बोर्ड गया। सीएम ने कहा कि बीबीएमबी के कुल खर्च का 60 फीसदी पंजाब उठाता है। वैसे ही पंजाब के खिलाफ जो वकील अदालत में केस लड़ रहा था, उसकी 60 फीसदी कीमत हमें ही चुकानी पड़ेगी। बीबीएमबी की कॉलोनियों से लेकर सबकुछ हमारा और बीबीएमबी हमारे खिलाफ खड़ा हो गया। बीबीएमबी बिल्कुल अलग चलता है। ऐसे में हम इसका खर्च भी क्यों उठाए।
सीएम ने कहा कि इस समय देश किस माहौल से गुजर रहा है। लेकिन यह लोग मुसीबत में भी मौका तलाश रहे हैं। यह पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। आज पुलिस की जरूरत बॉर्डर है। लेकिन हमें यहां लगानी पड़ रही है। इसलिए हम एजी साहिब को लेकर आए हैं। बीजेपी कहती है कि इस समय लोगों का ध्यान बमों की तरफ है। ऐसे में यह एक्शन कर दो।
सीएम ने आगे कहा- वोट की बात करें तो हरियाणा, राजस्थान व हिमाचल की तरफ एक वोट है। जब हमारे पास पानी नहीं है तो हम नहर क्यों बनाने दें। हमारे पास केवल अपने प्रयोग के लिए पानी है। इसके अलावा कुछ नहीं है। आज सुबह यह पानी छोड़ने पहुंच गए। पंजाब का 200 क्यूसिक पानी रोककर हरियाणा को छोड़ दिया। हम किसी भी कीमत पर पानी नहीं छोड़ेंगे।
सीएम ने कहा, "हाईकोर्ट ने कहा कि अगर आप फैसले से सहमत नहीं हैं तो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। लेकिन हमें सुप्रीम कोर्ट तो जाने दें। समझ नहीं आ रहा है कि हरियाणा ने कौन सी ऐसी फसल बिजनी है, जिसकी खेती 8 दिन में होनी है। पूरा अप्रैल महीना तो 4000 हजार क्यूसेक पानी से गुजारा किया है तो थोड़े दिन और इंतजार कर लें। बीबीएमबी ऐसी गतिविधि न करें, क्योंकि इससे माहौल खराब होगा। हम फोर्स बॉर्डर पर लगाएं कि डैमों पर लगाएं।
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