पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चुक मामले में अदालत ने 25 किसानों को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसमें हत्या की कोशिश की धारा भी जोड़ी गई है।
पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चुक मामले में अदालत ने 25 किसानों को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसमें हत्या की कोशिश की धारा भी जोड़ी गई है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चुक मामले में अदालत ने 25 किसानों को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसमें हत्या की कोशिश की धारा भी जोड़ी गई है।
इसका पता किसानों को तब चला जब इसे लेकर समन जारी किया गया। तब खुलासा हुआ कि पांच जनवरी 2022 के तीन साल पुराने सुरक्षा चूक मामले में पुलिस ने अब आईपीएस की धारा 307, 353, 341, 186, 149 और नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 8-बी भी जोड़ दी गई है। पहले यह केस सार्वजनिक रास्ता रोकने के मामले में धारा 283 के तहत दर्ज हुआ था।
गौर रहे कि पीएम फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने पंजाब पहुंचे। यहां से उन्हें हुसैनीवाला स्मारक भी जाना था। पहले वह हेलिकॉप्टर से जा रहे थे लेकिन मौसम में खराबी के चलते वह सड़क मार्ग से ले जाया गया। लेकिन रास्ते में किसानों ने जाम लगाया हुआ था, जिसके बाद पीएम का काफिला करीबन 20 मिनट फिरोजपुर के प्यारेआना फ्लाईओवर पर रुका रहा। जिसके बाद पीएम वापस लौट आए और दिल्ली चले गए। बठिंडा लौटकर मोदी ने एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा- ''अपने मुख्यमंत्री को मेरा शुक्रिया कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच सका।
इस मामले में SP (डिटेक्टिव) रणधीर कुमार ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है। पुलिस के मुताबिक इस मामले में 6 जनवरी 2022 को पहले आईपीसी की धारा 283 (सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जो जमानती अपराध है। हालांकि, कमजोर एफआईआर पर भाजपा नेताओं द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद अधिकारियों की तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था।
जांच के आधार पर अब एफआईआर में और भी गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं, जिनमें धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (लोक सेवक पर हमला), 341 (गलत तरीके से रोकना), 186 (कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 149 (अवैध रूप से एकत्र होना) और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8-बी शामिल हैं। एफआईआर में बीकेयू क्रांतिकारी के महासचिव बलदेव सिंह जीरा और अन्य किसान नेताओं और सदस्यों समेत 26 लोगों के नाम हैं। एक आरोपी मेजर सिंह की मौत हो चुकी है, जबकि शेष 25 के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है।
तीन जनवरी 2025 को फिरोजपुर की अदालत ने इन 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोपियों को पहले भी अदालत में पेश होने के लिए समन और वारंट भेजे गए थे, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। जिसके बाद कोर्ट ने 22 जनवरी तक उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने के आदेश दिए हैं।
पीएम की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित की थी। जिसकी अगुआई रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने की थी। उनके अलावा कमेटी में एनआईए के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह, चंडीगढ़ के डीजीपी प्रवीर रंजन और पंजाब के स्पेशल डीजीपी शरद सत्य चौहान थे। इस कमेटी ने तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, फिरोजपुर के डीआईजी इंदरबीर सिंह और फिरोजपुर के एसएसपी हरमन हंस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके अलावा तत्कालीन गृह सचिव अनिरुद्ध तिवारी और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कार्रवाई को कहा था।
वहीं, पंजाब में कांग्रेस की जगह आप की सरकार बनने के बाद 7 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें सबसे पहले बठिंडा में तैनात रहे एसपी गुरबिंदर सिंह को सस्पेंड किया गया था। गुरबिंदर घटना के समय फिरोजपुर के एसपी थे। इसके अलावा डीएसपी प्रसोन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, एसआई जसवंत सिंह और एएसआई रमेश कुमार शामिल थे।
भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने पंजाब सरकार पर केंद्र के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस किसानों को गिरफ्तार करने के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर रही है। फूल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि किसानों को निशाना न बनाया जाए। हमारे विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे और हत्या का प्रयास जैसे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। यह केवल किसानों और उनके नेताओं को डराने की साजिश है। फूल ने यह भी आरोप लगाया कि नवंबर में भी पंजाब पुलिस ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर से जबरन उठाया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
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November 09, 2024
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