पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे 22 नशा छुड़ाने केंद्रों में नशा छुड़ाने वाली दवाओं के दुरुपयोग के आरोप में चंडीगढ़ के सैक्टर 28 ए निवासी डॉ. अमित बांसल को गिरफ्तार किया है। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर लुधियाना रुपप्रीत कौर को पुलिस ने सह आरोपी बनाया है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उक्त आरोपी नशा छुड़ाने वाले 22 केंद्रों का है मालिक
आरोपी के साथ मिलीभगत के कारण ड्रग इंस्पेक्टर लुधियाना के खिलाफ भी केस दर्ज
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे 22 नशा छुड़ाने केंद्रों में नशा छुड़ाने वाली दवाओं के दुरुपयोग के आरोप में चंडीगढ़ के सैक्टर 28 ए निवासी डॉ. अमित बांसल को गिरफ्तार किया है। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर लुधियाना रुपप्रीत कौर को पुलिस ने सह आरोपी बनाया है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस बारे में विजिलेंस प्रवक्ता ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ मोहाली में भ्रष्टाचार रोधी कानून की धारा 7, 7-ए और आई.पी.सी. की धारा 120-बी के तहत एफ.आई.आर. नंबर 12 दिनांक 31.12.2024 के अधीन केस दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी डा.बांसल पंजाब में करीबन 22 नशा छुड़ाने वाले केंद्र चला रहा है। यहां नशे के आदी मरीजों को इलाज के दौरान एडनोक-एन 0.4 और एडनोक-एन 2.0 (बुप्रेनोर्फिन और नलोक्सोन) की गोलियां दी जाती हैं। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी डॉ. अमित बांसल द्वारा चलाए जा रहे इन नशा छुड़ाने केंद्रों में उक्त गोलियों का दुरुपयोग हो रहा था और यह गोलियां बाजार में ऐसे व्यक्तियों और नशे के आदी लोगों को बेची जा रही थीं, जिनका नाम इन नशा छुड़ाने केंद्रों की सूची में शामिल नहीं था।
उन्होंने आगे बताया कि इससे पहले डॉक्टर अमित बांसल के लुधियाना स्थित सिमरन अस्पताल/नशा छुड़ाने केंद्र के कर्मचारियों विदंत और कमलजीत सिंह के खिलाफ थाना एस.टी.एफ., फेज-4, मोहाली में पांच अक्तूबर 2022 को मामला दर्ज किय गया था। तब वहां के कर्मचारियों के बयान के आधार पर कार्रवाई करते हुए विजिलेंस ने उनके पास से करीब 23000 गोलियां और 90000 रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई थी। उल्लेखनीय है कि उसी दिन एस.टी.एफ. की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की मौजूदगी में उक्त सिमरन नशा छुड़ाने केंद्र की जांच की, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 4610 गोलियां कम पाई गईं।
प्रवक्ता के मुताबिक जांच के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक को एक अलग रिपोर्ट भेजी जिसमें उन्होंने डा.बांसल को बचाने के लिए कम गोलियाें का उल्लेख किया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि किसी व्यक्ति ने डा. बांसल के नकोदर स्थित सहज अस्पताल के नशा केंद्र की एक वीडियो वायल की गई। वहां जांच के दौरान एडनोक-एन की करीब 144000 गोलियां कम पाई गई थीं।
तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जालंधर ने जांच पूरी होने तक उक्त अस्पताल/नशा छुड़ाने केंद्र के ऑनलाइन पोर्टल को फ्रीज करने और इसका लाइसेंस निलंबित करने के आदेश दिए थे। इसके बाद डॉ. अमित बांसल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय पंजाब के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके इस मामले को दबा दिया। यह भी पता चला है कि डॉ. अमित बांसल के स्वामित्व वाले एक और आदर्श अस्पताल/नशा छुड़ाने केंद्र पटियाला के कर्मचारियों के खिलाफ थाना अनाज मंडी, पटियाला में एक अलग मुकदमा नंबर 154 दिनांक 11.11.2024 दर्ज किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि विजीलेंस ब्यूरो के उड़न दस्ता-1 ने आरोपी डॉ. अमित बांसल द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न नशा छुड़ाने केंद्रों में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस पूरे गठजोड़ में शामिल अन्य कर्मचारियों/आम व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने हेतु इस मुकदमे की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
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