* हरपाल चीमा ने हरियाणा के सीएम सैनी से पूछा सवाल * चीमा ने गैरकानूनी कार्रवाइयों को तुरंत वापस लेने और संघीय ढांचे के अनुकूल पंजाब के अधिकारों का सम्मान करने की अपील की
* हरपाल चीमा ने हरियाणा के सीएम सैनी से पूछा सवाल * चीमा ने गैरकानूनी कार्रवाइयों को तुरंत वापस लेने और संघीय ढांचे के अनुकूल पंजाब के अधिकारों का सम्मान करने की अपील की
खबर खास, चंडीगढ़ :
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब का पानी हरियाणा को अनुचित तरीके से आवंटित करने के प्रयासों के लिए भाजपा और केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीमा ने उनपर कानूनी समझौतों और संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना करने का आरोप लगाया।
चीमा ने कहा, "हरियाणा ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के तहत कानूनी समझौतों के अनुसार पहले ही अपने हिस्से के पूरे पानी का उपयोग कर लिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने हमेशा कानून और जल आवंटन संधियों की शर्तों का पालन किया है। लेकिन हरियाणा और केंद्र की भाजपा सरकार मिलकर इन समझौतों का उल्लंघन कर रही है। यह सरासर शक्तियों का दुरुपयोग है और भारत के संघीय ढांचे को भी कमजोर करता है।"
उन्होंने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है और जल संसाधनों पर बहुत अधिक निर्भर है। पंजाब अपने हिस्से के पानी को इस तरह गैरकानूनी और अनुचित ढंग से दूसरे राज्यों को देना बर्दाश्त नहीं कर सकता। भाजपा सरकार की कार्रवाई पंजाब के पानी की लूट के समान है और हम इसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।
चीमा ने बीबीएमबी से पंजाब के अधिकारियों को अवैध रूप से हटाने के लिए भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, "पंजाब के अधिकारियों को गलत तरीके से हटाया जाना भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बुरे इरादों को उजागर करता है। यह संघीय सिद्धांतों का खुला उल्लंघन है और पंजाब के अधिकार को कमज़ोर करने का प्रयास है। पंजाब का कोई भी अधिकारी अपना पद नहीं छोड़ेगा। हम इस साजिश का डटकर मुकाबला करेंगे।"
केंद्र सरकार के तानाशाही व्यवहार के खिलाफ उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "केंद्र की कार्रवाई उनकी तानाशाही मानसिकता को दर्शाती है। भारत के संघीय ढांचे के तहत पंजाब राज्य के पास सांविधानिक अधिकार और शक्तियां हैं और उन्हें कम करने के किसी भी प्रयास को हम सहन नहीं करेंगे। अब पंजाब के लोगों के साथ अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेंगे।"
चीमा ने पंजाब के जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए आम आदमी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई और केंद्र सरकार से अपने फैसले को तुरंत वापस लेने एवं जल वितरण को नियंत्रित करने वाले कानूनी समझौतों का सम्मान करने की अपील की। उन्होंने कहा, "यह पंजाब के लोगों के साथ बड़ा विश्वासघात है। हम इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बीबीएमबी में पंजाब के पानी का हिस्सा सुरक्षित रहे।"
उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार अपनी असंवैधानिक कार्रवाइयों पर कायम रही तो हम विरोध प्रदर्शन और कानूनी प्रक्रिया के माध्यम जवाबी कार्रवाई करेंगे।
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