मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां शहरी विकास विभाग के महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर’ पहल और ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ का शुभारम्भ किया। एक राज्य एक पोर्टल पहल के तहत नागरिक सेवा पोर्टल citizenseva.hp.gov.in प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।
कहा, राज्य में ईज़ ऑफ लिविंग के लिए की जा रही परिवर्तनकारी पहल: 10 फरवरी से सभी शहरी निकायों में आयोजित होंगे समाधान शिविर
खबर खास, शिमला :
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को यहां शहरी विकास विभाग के महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर’ पहल और ‘नागरिक सेवा पोर्टल’ का शुभारम्भ किया। एक राज्य एक पोर्टल पहल के तहत नागरिक सेवा पोर्टल citizenseva.hp.gov.in प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।
स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर कार्यक्रम के तहत शहरी स्थानीय निकायों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और कचरे के प्रबन्धन के लिए विभिन्न पहल की जाएंगी। नागरिक सेवा पोर्टल के तहत विभिन्न ऑनलाईन जन सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इससे शासन के रूपांतरण और परिदृश्य को नया आकार मिलेगा।
'एक राज्य एक पोर्टल' के तहत 45 सेवाएं प्रदान की जाएंगी
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इन पहल को परिवर्तनकारी बताते हुए कहा कि एक राज्य-एक पोर्टल पहल के तहत नागरिक सेवा पोर्टल को आरम्भ करने का उद्देश्य राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों में एक एकीकृत एण्ड-टू-एण्ड ऑनलाइन समाधान प्रदान करना है। इसके माध्यम से पहले 9 आवश्यक सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें से 7 सेवाएं नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुरूप होंगी और दो शहरी स्थानीय निकायों के प्रबंधन के लिए डिजाइन की गई हैं। इसके माध्यम से व्यापार लाईसेंस, सम्पत्ति कर प्रबंधन, शिकायत निवारण, सामुदायिक स्थानों की बुकिंग सहित अनेक जन सेवाएं लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। आने वाले समय में इस प्लेटफार्म के माध्यम से 45 सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिटीजन सेवा पोर्टल के माध्यम से कूड़ा संग्रहण और बिल जारी करने के लिए शहरी क्षेत्रों के 2 लाख 82 हजार घरों के गारबेज आई.डी. बनाए जाएंगे। भविष्य में इन सभी पंजीकृत इकाइयों को डिजिटल पहचान प्लेट्स प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कचरा एकत्रित करने तथा उसके निपटारे के लिए व्यापक स्तर पर तंत्र विकसित किया गया है। इसके वैज्ञानिक निपटारे के लिए आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। शहरी स्थानीय निकायों में पार्किंग, पार्क व अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप शिमला शहर को ईज़-ऑफ लिविंग इंडेक्स में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग से हिमाचल प्रदेश को ई-गवर्नेंस और नागरिक सशक्तिकरण का मॉडल राज्य बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नागरिकों को बेहतरीन स्वास्थ्य तथा पेयजल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश में पेयजल को स्वच्छ बनानेे के लिए विश्व स्तरीय तकनीक का उपयोग करने की योजना तैयार की गई है। इसके दृष्टिगत शिमला शहर में पायलट आधार पर प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें ओजोन और यूवी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 फरवरी, 2025 से सभी शहरी स्थानीय निकायों में सार्वजनिक शिकायतों के समाधान के लिए वार्ड स्तर पर समाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। सभी शहरी स्थानीय निकायों में स्वच्छ शहर समृद्ध शहर के रूप में दो माह तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित शहरी स्थानीय निकायों को कचरा संग्रहण वाहन खरीदने के लिए 10.62 लाख रुपये प्रति निकाय वित्तीय सहायता प्रदान की। उन्होंने स्थानीय निकायों को ऑनलाईन भुगतान के लिए पीओएस मशीनें भी प्रदान कीं। सीएम ने इस अवसर पर शहरी विकास विभाग के आईईसी प्लान की पुस्तिका का विमोचन भी किया।
प्रदेश सरकार शहरीकरण की चुनौतियों के समाधान के लिए कर रही निरंतर प्रयास: विक्रमादित्य
शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार शहरीकरण की चुनौतियों के समाधान के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है। शहरों में दीर्घकालिक योजना के साथ विकास योजनाएं तैयार की जा रही हैं ताकि समावेशी और सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में परिवर्तनकारी कदम उठाए जा रहे हैं। नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार का दायित्व है। उन्होंने कहा कि कचरे के उचित प्रबन्धन और इसके वैज्ञानिक निपटान के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान आरम्भ किया गया है।
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