हिमाचल प्रदेश में मुसलिम लोगों के आर्थिक बहिष्कार को लेकर वायरल वीडियो वाली महिला सुषमा देवी की मुसीबतें थमनें का नाम नहीं ले रहीं है। कांगड़ा के लबागांव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज होने के बाद कांगड़ा के उपायुक्त ने महिला बीडीसी यानि पंचायत समिति सदस्य को उसके आचरण को लेकर नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है।
खबर खास, शिमला :
हिमाचल प्रदेश में मुसलिम लोगों के आर्थिक बहिष्कार को लेकर वायरल वीडियो वाली महिला सुषमा देवी की मुसीबतें थमनें का नाम नहीं ले रहीं है। कांगड़ा के लबागांव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज होने के बाद कांगड़ा के उपायुक्त ने महिला बीडीसी यानि पंचायत समिति सदस्य को उसके आचरण को लेकर नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। उसे सात दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है। इसके बाद महिला पर निलंबन की गाज गिरनी तय है।
महिला सुषमा देवी लंबागांव वार्ड से पंचायत समिति सदस्य हैं और उनका कश्मीरी शॉल और गर्म कपड़े बेचने वालों से बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।जिसके के बाद कांगड़ा पुलिस ने उनपर एफआईआर दर्ज कर दी थी। मिला पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के गंभीर आरोप हैं और पुलिस ने उक्त सुषमा देवी के खिलाफ एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री के निर्देशों पर भादंसं की धारा 299 और 196 के तहत मामला दर्ज कर दिया था और आगामी कार्रवाई जारी है।
जिला पंचायत अधिकारी धर्मशाला नीलम कटोच ने बताया कि एसडीएम से जांच रिपोर्ट और एफुआईआर की कॉपी मिलने के बाद सुषमा को नोटिस दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि हमारा एक्ट किसी को भी किसी के धर्म की भावना को ठेस पहुंचाने की इजाजत नहीं देता। खासकर लोक सेवक तो बिल्कुल भी ऐसा आचरण नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज एक्ट में ऐसे आचरण पर सस्पेंड करने का प्रावधान है।
गौर रहे कि बीती 23 नवंबर को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे दो महिलाएं और दो कश्मीरी नजर आ रहे हैं। इनमें से एक महिला कश्मीरियों के आर्थिक बहिष्कार और हिमाचल में मुसलमानों को नहीं आने की बात करती है। इतना ही नहीं मिला ने उन्हें जय श्री राम बोलने को भी कहा और कहा कि मुसलमानों से कोई सामान न खरीदें और सामान सिर्फ हिंदू दुकानदारों से खरीदें।
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