इसके लिए वर्ष 2023 और वर्ष 2025 की प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले जिलों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।
इसके लिए वर्ष 2023 और वर्ष 2025 की प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले जिलों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।
खबर खास, शिमला :
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने संबंधित अधिकारियों को राज्य में उपयुक्त मलबा डंपिंग स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए वर्ष 2023 और वर्ष 2025 की प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले जिलों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है।
मुख्य सचिव आज यहां आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गठित राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) की 26वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में पिछली एसईसी बैठकों के दौरान जारी विभिन्न निर्देशों पर की गई कार्यवाही रिपोर्ट की समीक्षा और पुष्टि करने पर विशेष बल दिया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि मलबा डंपिंग स्थलों को चिन्हित करने में मंडी, कुल्लू, चंबा और शिमला जिलों को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग सचिव को प्रभावी योजना बनाने और इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए वन, जल शक्ति और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) आदि विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब मलबा हटाने की अनुमति देने का अधिकार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) को दिया गया है, जो पहले राज्य स्तर पर था।
उन्होंने कहा कि समिति ने 2015 के दिशा-निर्देशों और बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के अनुसार, संबंधित बांध अधिकारियों द्वारा पूर्व चेतावनी प्रणाली की स्थापना पर भी चर्चा की। हिमाचल प्रदेश में 25 बड़े बांधों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका हैं जबकि पांच निर्माणाधीन हैं।
बैठक में राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम शमन कार्यक्रम (एनएलआरएमपी) के तहत 139 करोड़ रुपये की प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट पर भी विचार-विमर्श किया गया, जिसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय आपदा शमन कोष (एनडीएमएफ) के माध्यम से वन अग्नि जोखिम प्रबंधन योजना (एमएसएफएफआरएम) के लिए 8.16 करोड़ रुपये की प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट को समिति से अनुमोदन दिलाने पर चर्चा हुई।
सक्सेना ने कहा कि मंडी जिले में सार्वजनिक स्थलों से 46,988 घन मीटर मलबा हटाने के लिए एसडीआरएफ/एनडीआरएफ कोष से 78.76 लाख रुपये की राशि के उपयोग को भी पूर्वानुमोदन के लिए समिति के समक्ष रखा गया है। बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया रिजर्व (एनडीआरआर) की तर्ज पर राज्य आपदा प्रतिक्रिया रिजर्व की स्थापना के लिए प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव कमलेश कुमार पंत, सचिव लोक निर्माण अभिषेक जैन, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश शर्मा, निदेशक एवं विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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