इसके अलावा राहत मापदंडों में संशोधन कर 30 प्रतिशत करने की मांग की
इसके अलावा राहत मापदंडों में संशोधन कर 30 प्रतिशत करने की मांग की
खबर खास, शिमला/नई दिल्ली-
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारी वर्षा और भू-स्खलन से अब तक लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि मॉनसून की अभी शुरूआत ही हुई है। प्राकृतिक आपदा के कारण कई लोगों की जान गई है तथा सड़कों, पुलों, भवनों, पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं और विद्युत आपूर्ति परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से उदार सहायता का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 से प्रदेश को निरंतर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है और पिछले तीन वर्षों में प्रदेश को लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
सुक्खू ने अमित शाह को बताया कि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार राज्य आपदा राहत कोष और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के माध्यम से हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बार-बार प्राकृतिक आपदाएं आने के कारण प्रदेश के लिए अपने सीमित संसाधनों से पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण तथा बुनियादी ढांचे को बहाल करना बेहद कठिन हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए निधारित दिशा-निर्देश काफी कम है। उन्होंने वर्तमान सीमा को संशोधित कर इसे 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का आग्रह किया। इससे राज्य को राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों में काफी मदद मिलेगी।
अमित शाह ने मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
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