इस अवसर पर कॉपरेटिव फेयर और फिनटेक कॉर्पाेरेट प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि सहकारिता भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और आने वाले समय में तकनीकी नवाचार इसे और सशक्त बनाएगी।
इस अवसर पर कॉपरेटिव फेयर और फिनटेक कॉर्पाेरेट प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि सहकारिता भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और आने वाले समय में तकनीकी नवाचार इसे और सशक्त बनाएगी।
खबर खास, शिमला :
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन 2025 का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सहकारिता के पुनर्जागरण का उत्सव है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सहकारिता अब एक जनदृआंदोलन का रूप ले चुकी है।
इस अवसर पर कॉपरेटिव फेयर और फिनटेक कॉर्पाेरेट प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि सहकारिता भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और आने वाले समय में तकनीकी नवाचार इसे और सशक्त बनाएगी।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल देश में सहकारिता का जनक है। हिमाचल से जली यह अलख अब पूरे देश में फैल चुकी है। वर्ष 1892 में हिमाचल प्रदेश के पंजावर में सहकारिता समिति गठित की गई जिसका पंजीकरण वर्ष 1906 में हुआ था। वर्तमान में पंजावर क्षेत्र हरोली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। उन्होंने सहकारिता के जनक मियां हीरा सिंह को याद करते हुए कहा कि सहकारिता क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मान प्रदान करते हुए उन्हीं के नाम पर सहकारिता से संबंधित संस्थान स्थापित किया जा रहा है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 5544 सहकारी समितियां सक्रिय हैं, जिनमें 2287 कृषि सहकारी समितियां और 10 सहकारी बैंक किसानों व ग्रामीणों की आर्थिक जरूरतें पूरी कर रहे हैं। कॉपरेटिव बैंक में लोगों के 27 से 28 हजार करोड़ रुपये जमा हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कॉपरेटिव बैंक सराहनीय कार्य कर रहे हैं। कॉपरेटिव बैंकों में लोगों का विश्वास बनाए रखने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। कॉपरेटिव बैक 6 जिलों का, और कांगड़ा कॉपरेटिव बैक 5 जिलों को और जोगिन्द्रा बैक जिला सोलन का प्रतिनिधित्व कर रहा है। हर हिमाचली का खाता प्रदेश के बैंक में होना चाहिए। प्रदेश सरकार जिम्मेदारी से इनका संचालन सुनिश्चित करेगी। कॉपरेटिव क्षेत्र में हिमाचल उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। कॉपरेटिव समितियों और बैकों में 60 हजार करोड़ रुपये की जमा पूंजी है।
उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू की शॉल और टोपी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। हरोली में हिमकैप कॉपरेटिव सहकारिता के माध्यम से हिमकैप इस्टीट्यूट स्थापित किया गया है। इस संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे हिमाचल का नाम देश और विदेश में रोशन कर रहे हैं। सहकारिता क्षेत्र में प्रदेश की महिलाएं सफल उदाहरण पेश कर रहे हैं। ऊना में हाल ही में 5000 महिलाओं ने स्वां वुमेन फेडरेशन बनाई। महिलाओं की यह समिति कम समय में बेहतरीन कार्य करते हुए अब लगभग 25 करोड़ रूपये तक पहंुच गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि सहकारी संस्थाएं आधुनिक तकनीक को अपनाकर डिजिटल पेमेंट से लेकर साइबर सुरक्षा समाधान तक की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन भारत की सहकारिता की यात्रा का एक मील पत्थर साबित होगा। यह पारंपरिक संस्थाओं और आधुनिक तकनीकी समाधानों के बीच नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कार्यक्रम के दौरान देशभर से आई सहकारी संस्थाओं ने अपनी उपलब्धियां और नवाचार प्रदर्शित किए।
एचपीएससीबी के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम द्वारा मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया। उन्होंने दो दिवसीय राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के बारे मे विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी, राष्ट्रीय राज्य सहकारिता बैंक महासंघ लिमिटेड के अध्यक्ष कोंडुरु रविंदर राव, रजिस्ट्रार ऑफ कोपरेटिव सोसायटी डीसी नेगी, हिमफैड के अध्यक्ष महेश्वर सिंह चौहान, राष्ट्रीय राज्य सहकारिता बैंक महासंघ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भीमा सुब्रह्मण्यम, एआरडीबी के अध्यक्ष संजय चौहान व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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