प्रदेश को 500 करोड़ का नुकसान, मंडी में 10 और किन्नौर में एक जगह फटा बादल, जान व माल का बड़ा नुकसान
प्रदेश को 500 करोड़ का नुकसान, मंडी में 10 और किन्नौर में एक जगह फटा बादल, जान व माल का बड़ा नुकसान
खबर खास, शिमला :
मानसून की बारिश हिमाचल के कई जिलों के लिए आफत बनकर बरसी है। प्रदेश के मंडी में 10 और किन्नौर में एक जगह बादल फटने से पांच लोगों की मौत हो गई जबकि 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
मंडी के करसोग के ओल्ड बाजार में 1, धर्मपुर में 1 और गोहर में 3 व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मंडी के अलग अलग क्षेत्रों में 16 लोग लापता हैं। इनकी तलाश में तलाशी और बचाव अभियान जारी है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, किन्नौर के रकछम, मंडी के थुनाग, करसोग के कुट्टी बाइपास, करसोग के ओल्ड बाजार, करसोग के रिक्की, गोहर के सियांज, गोहर के बस्सी, गोहर के तलवाड़ा, धर्मपुर के स्याठी और धर्मपुर के भदराना में बादल फटा है।
बादल फटने के बाद भारी बारिश से 10 घर और 12 गौशालाएं पूरी तरह जमींदोज हो गईं। उधर, मंडी में स्थित बिजनी में निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा टूट गया। हादसे के वक्त टनल के मुहाने पर मजदूर थे। सभी ने भागकर अपनी जान बचाई। मंडी के अलग अलग क्षेत्रों में 15 से ज्यादा गाड़ियां भी फ्लैश फ्लड में बह गईं।
वहीं, गोहर के स्यांज में 2 घरों के साथ 9 लोग पानी में बह गए। धर्मपुर के स्याठी गांव पर पूरा पहाड़ आ गया। इससे गांव के 2 घर और 5 गौशालाएं ढह गईं। कुकलाह में कई घर और माता कश्मीरी मंदिर बह गया। बारिश को देखते हुए मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में प्रशासन ने स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी है।
मंडी के अलावा शिमला, चंबा, कुल्लू और हमीरपुर जिला में भी फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाओं से बड़ा नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, बादल फटने के बाद भारी बारिश से करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
मंडी के गोहर की ग्राम पंचायत स्यांज के पंगलयूर गांव में 2 परिवारों ये लोग फ्लैश फ्लड में बह गए इनमें गांव बागा के पदम सिंह (75) उनकी पत्नी देवकू देवी, पंगलयूर के झाबे राम उनकी पत्नी पार्वती देवी, मां सुरमि देवी (70), झाबे राम का बेटा इंद्र देव (29) उसकी पत्नी उमा वती (27), बेटी कनिका (9) और बेटा गौतम (7) शामिल है।
बीती रात प्रदेश को 500 करोड़ के नुकसान का आंकलन, बोले सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बीती रात मंडी में आठ जगह बाद फटने की घटनाएं सामने आई हैं। प्रारंभिक आकलन में 500 करोड़ नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। ब्यास नदी उफान पर है। उन्होंने प्रदेश वासियों से अपील की है कि नदी नाम के किनारे न जाएं। सभी लोग नदी नालों से करीब 500 मीटर की दूरी पर रहें। भूस्खलन से एक परिवार के सदस्यों के प्रभावित होने की सूचना है। यहां पर कुछ लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी है।
पर्यटकों को दी नालों, नदियों से दूर रहने की ताकीद
पर्यटकों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू के कहा कि पर्यटक शहरी क्षेत्रों में रहें और नदी नालों और दुर्गम पहाड़ों से दूर रहें। दुर्गम क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है। ऐसे क्षेत्रों की और न जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग सुचारु रुप से चल रहे हैं और लोग निर्माण विभाग लगातार सड़कों को बहाल कर रहा है। बारिश के चलते पावर प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और यहां पर कामकाज प्रभावित हुआ है। पिछले दो तीन वर्षों से बादल फटने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है जोकि चिंताजनक है। इसके पीछे के कारण की समीक्षा की जा रही है।
16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट तबाह, 12 लोगों ने भागकर बचाई जान
सराज क्षेत्र में सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी। 16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट बाढ़ की चपेट में आकर पूरी तरह तबाह हो गया। बाढ़ ने पटिकरी बांध से लेकर गुहाड़ स्थित पटिकरी पावर हाउस तक सब कुछ तहस-नहस कर दिया। पावर हाउस और बांध साइट पर तैनात 12 लोगों ने मौके से भागकर जान बचाई।
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