'एनएचएआई मैनेजर के आरोप तथ्यहीन है और मुझ पर दर्ज मामला भी तथ्यहीन है।' यह कहना है हिमाचल के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह का। बुधवार को शिमला में पत्रकारवार्ता कर उन्होंने एनएचएआई अधिकारियों की ओर से अपने ऊपर लगाए आरोपों को सिरे से खारिज किया। अनिरुद्ध ने कहा कि एफआईआर का मतलब यह नहीं कि वह दोषी है।
खबर खास, शिमला :
'एनएचएआई मैनेजर के आरोप तथ्यहीन है और मुझ पर दर्ज मामला भी तथ्यहीन है।' यह कहना है हिमाचल के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह का। बुधवार को शिमला में पत्रकारवार्ता कर उन्होंने एनएचएआई अधिकारियों की ओर से अपने ऊपर लगाए आरोपों को सिरे से खारिज किया। अनिरुद्ध ने कहा कि एफआईआर का मतलब यह नहीं कि वह दोषी है।
उन्होंने कहा कि एनएचएआई अधिकारियों की लापरवाही से भट्टाकुफर की माठू कॉलोनी में पांच मंजिला बिल्डिंग गिरी है। जिससे आठ घरों को खतरा पैदा हो गया, जिन्हें खाली करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई अधिकारी जानते हैं कि यह बड़ा मुद्दा बनेगा और इसे कवर-अप करने के लिए झूठे आरोप लगाए गए।
उन्होंने कहा, पहले एनएचएआई अधिकारियों ने पहले रिटन में स्टेटमेंट दी कि उनके साथ कुछ नहीं हुआ। बाद में वह शिकायत देते हैं। उन्होंने कहा कि वह कानून का सम्मान करते हैं, वह जांच में सहयोग करेंगे।
अनिरुद्ध ने कहा, उन्होंने न अभद्र भाषा का प्रयोग किया और न ही किसी के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा, जिस जगह पर एनएचएआई अधिकारियों ने मारपीट के आरोप लगाए हैं, वहां पर एसडीएम, दूसरे विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और प्रभावित परिवारों के लोग मौजूद थे। यदि मारपीट की तो कोई साक्ष्य तो दिखाए। मारपीट का कोई फोटो-वीडियो दिखाए।
अनिरुद्ध सिंह ने कहा, केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को हिमाचल आकर ऐसे अधिकारियों के कारनामे देखने चाहिए, दिल्ली में बैठकर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, जिन एनएचएआई अधिकारियों ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया, उनके खिलाफ भी प्रभावित लोगों ने ढली थाना में एफआईआर करा रखी है। इसमें एनएचएआई अधिकारियों पर महिलाओं के साथ मारपीट और अभद्र भाषा इस्तेमाल के आरोप लगाए गए है।
उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को पूरे देश में सबसे भ्रष्ट बताते हुए कहा कि इनकी लापरवाही से हिमाचल में लोगों के घर टूट रहे हैं। खेतों में मलबा जा रहा है।
उन्होंने प्रदेश के अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि परसों जब बिल्डिंग गिरी तो अधिकारी मीटिंग कर रहे होते हैं। ऐसे वक्त में मीटिंग नहीं जहां डिजास्टर हुआ, वहां राहत एवं बचाव कार्य करना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को संवेदना के साथ काम करने की नसीहत दी।
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