इस दौरान लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि 2155.90 करोड़ की लागत से संबंधित 61 कार्यों में से 42 विकास कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं।
इस दौरान लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि 2155.90 करोड़ की लागत से संबंधित 61 कार्यों में से 42 विकास कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं।
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने तोशाम खंड के विकास एवं बाढ़ से संबंधित कार्यों को लेकर आज सिंचाई, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि तौशाम क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण, बाढ़ के पानी की कोई प्राकृतिक निकासी नहीं है, और जल निकासी विशेष रूप से भिवानी-धम्गर ड्रेन के माध्यम से की जाती है। वर्ष 2024 के दौरान तोशाम ब्लॉक का कोई भी गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं हुआ था। हालांकि, वर्ष 2025 के दौरान 9 सितंबर 2025 तक, 10 गांवों में 3,525 एकड़ भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई थी, जिसमें 2 से 2.5 फीट तक जलभराव था।
सिंचाई विभाग के निरंतर प्रयासों से, बाढ़ के पानी को प्रभावित क्षेत्रों से काफी हद तक हटा दिया गया है, और 12 दिसम्बर, 2025 तक तीन गांवों में केवल 65 एकड़ जिसमे गांव रिवासा में 05 एकड़, गांव डांग कलां में 20 एकड़ और गांव सांगबान में 40 एकड़ भूमि प्रभावित रही। शेष 65 एकड़ से बाढ़ का पानी भी पूरी तरह से निकाल दिया जाएगा।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 की अवधि के दौरान गांव दांग कलां, भानगढ़, मानसरवास, सिमलीवास, लेघां भानान, लोहानी, ढाणी शंकर, लहलहाना, गोलागढ़, आसलबास, जुई खुर्द आदि में बाढ़ से संबंधित कार्यों पर 19.05 करोड़ रूपये की राशि व्यय की गई। इसके अतिरिक्त, गांव जुई कलां, जुई बिचली, चंदावास, द्वागर, द्वाब ढाणी, बिजलानावास, केरू, खापरवास, बापोरा तथा आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ से संबंधित कार्यों पर 36.85 करोड़ रूपये की राशि खर्च की गई।
इस दौरान लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि 2155.90 करोड़ की लागत से संबंधित 61 कार्यों में से 42 विकास कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। 13 कार्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे तथा 6 कार्य अगले वर्ष आरंभ किए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) के अधिकारियों ने अवगत कराया कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है।
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