भारत सरकार की "राष्ट्रीय डिजिटल इंडिया" पहल का अनुसरण करते हुए सीआईएसएफ ने अपने ई सर्विस बुक पोर्टल को लॉन्च किया है, जो सभी बल सदस्यों के लिए सुलभ होगी। सीआईएसएफ ने इस नई पहल को अपने सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए पेंशन प्रक्रिया प्रणाली को सुव्यवस्थित और तीव्र गति से प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
भारत सरकार की "राष्ट्रीय डिजिटल इंडिया" पहल का अनुसरण करते हुए सीआईएसएफ ने अपने ई सर्विस बुक पोर्टल को लॉन्च किया है, जो सभी बल सदस्यों के लिए सुलभ होगी। सीआईएसएफ ने इस नई पहल को अपने सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए पेंशन प्रक्रिया प्रणाली को सुव्यवस्थित और तीव्र गति से प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते सीआईएसएफ यूनिट पंजाब एवं हरियाणा सिविल सचिवालय के सीनियर कमांडेंट वाई पी सिंह ने बताया कि ई सर्विस बुक पोर्टल के जरिए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि सीआईएसएफ के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति की तिथि पर ही सभी पेंशन लाभ मिल सकें। पहले सेवा पुस्तिका के भौतिक अंतरण के चलते सेवा निवृति पर देय राशि के भुगतान में देरी हो जाती थी।
पोर्टल सेवारत कर्मियों को भी उनकी सेवा पुस्तिका तक ऑनलाइन पहुंच प्रदान कर लाभान्वित करेगा और इसका अद्यतन सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि नया डिजिटल ढांचा सेवा पुस्तिका के भौतिक अंतरण की आवश्यकता को समाप्त करेगा। ई-सर्विस बुक की प्रमुख विशेषताओं में से एक इसकी त्वरित समय ट्रैक किए जा सकने की क्षमता है। हितधारक अब त्वरित समय में पेंशन फाइलों की स्थिति देखकर, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर सकते हैं। इसका सीधा लाभ प्रतिवर्ष सेवानिवृत होने वाले लगभग 2400 कर्मियों को मिलेगा। वर्तमान प्रणाली में सेवा पुस्तकों का कई कार्यालयों के मध्य भौतिक अंतरण होता है, जिससे परिणामस्वरूप अधिकतर विलंब और त्रुटियां होती है। यह दूर-दराज क्षेत्रों में स्थित इकाइयों के लिए अधिक समस्या जनक है, क्योंकि इस प्रक्रिया में समय की अधिकता और गलतियों की संभावना बन जाती है। इन समस्याओं को हल करने और समय पर पेंशन वितरण सुनिश्चित करने के लिए, इसे अंतिम रूप देने से पहले प्रमुख सीएए (गृह), गृह मंत्रालय और पीएओ / आरएपीओ से प्राप्त इस इनपुट को सम्मिलित करने के पश्चात एक ऑनलाइन पोर्टल डिजाइन करने की संकल्पना की गई थी।
उन्होंने बताया कि ई-सर्विस बुक का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि यह एक सहभागी पटल के रूप में कार्य करता है। मूल इकाई, उच्चतर प्रशासनिक प्रतिष्ठानों और आरपीएओ/ पीएओस हित सभी हितधारक अब एक ही पटल पर बिना बाधा के सहभागिता कर सकते हैं।
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