हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि राज्य में सामान्य कैंसर जैसे कि ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर सहित अन्य गैर संचारी रोगों के शीघ्र निदान और प्रबंधन के लिए 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी की जनसंख्या आधारित स्क्रीनिंग (पीबीएस) की जा रही है।
हरियाणा राज्य में कैंसर रोगियों के बारे में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि राज्य में सामान्य कैंसर जैसे कि ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर सहित अन्य गैर संचारी रोगों के शीघ्र निदान और प्रबंधन के लिए 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी की जनसंख्या आधारित स्क्रीनिंग (पीबीएस) की जा रही है। उन्होंने बताया कि हालांकि स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य तो 1,10,56,289 लोगों की जांच करने का था परन्तु निरंतर प्रयास करते हुए अब तक लगभग 80 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान " हरियाणा राज्य में कैंसर रोगियों के बारे में" लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रही थी।
राव ने बताया कि पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा हरियाणा में किए गए जोखिम कारक आकलन सर्वेक्षण के अनुसार शारीरिक निष्क्रियता, अस्वास्थ्यकर आहार, तंबाकू सेवन, शराब का सेवन, वायु प्रदूषण, कीटनाशक और रसायन, संक्रमण आदि कैंसर सहित गैर-संचारी रोगों के सबसे आम जोखिम के कारक हैं। पुरुषों में सबसे आम कैंसर मुंह, फेफड़े और ग्रासनली तथा महिलाओं में स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय और मुंह के होते हैं।
उन्होंने बताया कि कैंसर के रोगियों के उपचार में आरंभिक पड़ताल , तत्पश्चात उपचार तथा फोलोअप सम्मलित है। कैंसर मामलों के प्रबंधन के लिए बहु-अनुशासनात्मक तथा बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसका प्रभावी प्रबन्धन केवल तृतीय स्तरीय चिकित्सा संस्थानों में ही उपलब्ध है जहां भौतिक चिकित्सकों, सर्जनों, पैथोलॉजिस्ट, ऑन्कोलॉजिस्ट और रेडियोथेरेपिस्ट सहित जांच पड़ताल , कीमोथेरेपी तथा रेडियोथेरेपी इत्यादि सभी सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कैंसर सहित अन्य गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के बोझ और पीड़ा को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय गैर संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के अंतर्गत, जोखिम कारको, निवारक उपायों, उपचार सेवाओं और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कैंसर सम्बंधी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा कर रहा है। हर साल विश्व कैंसर दिवस, राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस इत्यादि के अंतर्गत प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के उपयोग द्वारा सामुदायिक जागरूकता अभियान आयोजित किया जाता है। लोगों को स्वस्थ खाने की आदतों, नियमित शारीरिक गतिविधि के महत्व, तंबाकू के उपयोग और शराब के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है। विभिन्न स्वास्थ्य स्तरों पर योगा से संबंधित गतिविधियाँ भी की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि स्तन की गांठ का पता लगाने के लिए मैमोग्राफी सेवाएँ जिला अंबाला में उपलब्ध हैं। गर्भाशय ग्रीवा की विस्तृत जाँच के लिए कोलपोस्कोपी सुविधाएँ जिला सिविल अस्पताल अंबाला, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, सिरसा और सोनीपत में उपलब्ध हैं। निदान की पुष्टि के लिए पीएपी स्मीयर (PAP Smear), फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (FNAC), बायोप्सी, सीटी स्कैन और एमआरआई सुविधाएँ विभिन्न जिला अस्पतालों में उपलब्ध हैं।
अंबाला कैंट में 50 बिस्तरों वाला अटल कैंसर केयर केंद्र किया स्थापित
उन्होंने आगे जानकारी दी कि नागरिक अस्पताल अंबाला कैंट में 50 बिस्तरों वाला अटल कैंसर केयर सेंटर (एसीसीसी) स्थापित किया गया है। यह नवीनतम उच्च उपकरणों जैसे लीनियर एक्सेलेरेटर, सीटी सिम्युलेटर, ब्रेकीथेरेपी आदि से सुसज्जित है। वर्ष 2024 में 712 रोगियों को रेडियोथेरेपी व 2695 को कीमोथेरेपी दी गई और 483 कैंसर सर्जरी की गई। विभिन्न जिलों के जरूरतमंद रोगियों को मुफ्त व्यापक कैंसर देखभाल सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
फरीदाबाद, पंचकूला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में निशुल्क सुविधाएं की जा रही प्रदान
जिला नागरिक अस्पताल फरीदाबाद, पंचकूला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में जरूरतमंद मरीजों को ओपीडी, कीमोथेरेपी, सर्जरी और सहायक सेवाओं सहित कैंसर देखभाल सेवाएं भी निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सा अधिकारियों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की क्षमता निर्माण नियमित रूप से प्रीमीयर तृतीयक देखभाल संस्थानों के सहयोग से की जाती है।
Comments 0