नशों की बुराई से मुक्ति के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुवाई और मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच के अनुसार चल रही मुहिम ‘‘युद्ध नशों विरुद्ध’’ के दौरान, पंजाब सरकार ने ‘सन फाउंडेशन’ के साथ साझेदारी की है ताकि राज्य भर के 19 सरकारी नशा पुनर्वास केंद्रों में कौशल विकास को और बढ़ावा दिया जा सके।
सांसद साहनी ने नशा पुनर्वास केंद्रों के लिए 1 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान
खबर खास, चंडीगढ़ :
नशों की बुराई से मुक्ति के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की अगुवाई और मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच के अनुसार चल रही मुहिम ‘‘युद्ध नशों विरुद्ध’’ के दौरान, पंजाब सरकार ने ‘सन फाउंडेशन’ के साथ साझेदारी की है ताकि राज्य भर के 19 सरकारी नशा पुनर्वास केंद्रों में कौशल विकास को और बढ़ावा दिया जा सके। आज यहां पंजाब भवन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह और ‘सन फाउंडेशन’ के चेयरमैन एवं सांसद श्री विक्रमजीत सिंह साहनी की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गये।
इस महत्वपूर्ण और नेक कार्य के प्रति अपने समर्पण को उजागर करते हुए सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने नशा पुनर्वास केंद्रों को मजबूत करने के लिए अपने एम.पी.एल.ए.डी. फंडों में से 1 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। फाउंडेशन द्वारा इन स्किल सेंटर्स के लिए स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा और रख-रखाव का खर्च भी फाउंडेशन का होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने साहनी के इस योगदान को राज्य की ‘‘युद्ध नशों विरुद्ध’’ पहलकदमी के लिए महत्वपूर्ण बताया और नशामुक्त पंजाब बनाने में सहयोग करने के लिए श्री साहनी की सराहना की।
मुख्यमंत्री मान की दूरदर्शी सोच को उजागर करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि सरकार का ध्यान 80-90 प्रतिशत की रीलैप्स दर से निपटने पर है ताकि नशा पीड़ितों को मजबूत कौशल विकास और पुनर्वास केंद्रों में मनोरंजक तथा रोजगार मुखी गतिविधियों के साथ जोड़ा कर उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार के एतिहासिक फैसलों के कारण अब, नशे के शिकार लोगों को किसी अपराधी के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि उन्हें विशेष मरीजों मानते हुए उचित देखभाल के तहत इलाज करवाया जाता है।
डॉ. बलबीर सिंह ने सरकार की महत्वपूर्ण और कारगर रणनीति का भी विस्तार से उल्लेख किया, जो नाड़ियों के माध्यम से नशे का उपयोग करने वालों को, गोलियों और तरल मेथाडोन जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर ले जाने पर केंद्रित है, ताकि एचआईवी और हेपाटाइटिस सी के फैलाव से निपटा जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सपना कौशल विकास द्वारा नशे के आदी लोगों को उद्यमी बनाना है,’’ ताकि वे अन्य लोगों की तरह मुख्यधारा में आकर खुशहाल जीवन जी सकें।
डॉ. बलबीर सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर अपनी शुभकामनाएँ दीं और 1886 के शिकागो मजदूर हड़ताल के शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
‘सन फाउंडेशन’ के चेयरमैन, सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने केवल पंजाब को नशा-ग्रस्त राज्य के रूप में उभरने वाले भ्रामक बयानों का जोरदार खंडन करते हुए कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों समेत पूरा भारत नशों की समस्या का सामना कर रहा है। उन्होंने इस चुनौती से उभरने के लिए पंजाब की मदद करने की अपनी ‘दिल्ली इच्छा’ की पुष्टि करते हुए सभी 19 नशा पुनर्वास केंद्रों को चलाने के लिए ‘सन-फाउंडेशन’ की प्रतिबद्धता को दृढ़ किया। उल्लेखनीय है कि सन फाउंडेशन पहले ही अमृतसर, जलंधर और मोहाली में तीन ऐसे केंद्रों का सफलतापूर्वक प्रबंधन कर रहा है।
साहनी ने कहा कि ‘सन-फाउंडेशन’ केंद्रों में मनोरंजन, प्रेरणादायक और आध्यात्मिक गतिविधियों को लागू करेगा। इसके अलावा खेल, योग, संगीत, गुरबाणी, टेलीविजन से लैस मनोरंजन कक्ष और काउंसलिंग की सुविधा भी होगी। इसके साथ ही जैविक खेती, प्लंबिंग, बिजली का काम, मोबाइल मरम्मत और रसोई जैसे क्षेत्रों में व्यक्तियों को कुशल बनाने पर जोर दिया जाएगा। इलाज के बाद पीड़ितों के लिए रोजी-रोटी सुरक्षित करने और पुनः होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए सशक्त बनाया जाएगा।
इस मौके पर सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण-कम-नोडल अधिकारी नशा विरोधी मुहिम बसंत गर्ग, निदेशक डॉ. हितिंदर कौर, सहायक निदेशक डॉ. संदीप भोला और अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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