उन्हें 11 मई को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह जेएंडके, बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे। 2018 में उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
उन्हें 11 मई को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह जेएंडके, बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे। 2018 में उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
खबर खास, नई दिल्ली :
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में मंगलवार को निधन हो गया। दोपहर 1.12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें 11 मई को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह जेएंडके, बिहार, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे। 2018 में उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
उनकी जन्म 24 जुलाई 1946 को यूपी के बागपत के हिसवाड़ा गांव में हुआ था। किसान परिवार में जन्में सत्यपाल मलिक की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई थी। उन्होंने चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से बीएससी और और एलएलबी की थी। उनका विवाह 14 दिसंबर 1970 में इकबाल मलिक से हुआ जो शिक्षक और चर्चित पर्यावरणविद् हैं। उनका एक बेटा भी है जिसका नाम देव कबीर है और वह जाने-माने ग्राफिक डिजाइनर है।
1966 में वह चौ.चरण सिंह विवि मेरठ में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। 1974 में वह यूपी विस सदस्य बने। 1980 में वह राज्य सभा सदस्य बने। 1984 में वह कांग्रेस में शामिल हुए और 1986 में दोबारा राज्यसभा सदस्य बने। 1987 में बोफोर्स विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और जनता दल में वापसी की।
1989-1991 में वह जनता दल से लोकसभा सांसद बने। 1990 में वह केंद्रीय संसदीय कार्य और पर्यटन राज्यमंत्री बने। 2004 में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2012 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
गौर रहे कि सीबीआई ने 22 मई को सत्यपाल मलिक समेत पांच लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें करीब 2,200 करोड़ रुपए के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी का आरोप है। इसे लेकर सीबीआई ने 22 फरवरी 2024 को सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापा मारा था। इसके साथ ही दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की थी।
गौर रहे कि सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनूं में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थीं। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी।
मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं। उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा, 'मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब सीअीबाई पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।'
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