लुधियाना पश्चिम विस सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रहीं हैं। खबर है कि भाजपा इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार भरत भूषण आशु को जितवाने की रणनीति के तहत जानबूझकर कमजोर प्रत्याशी उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।
लुधियाना पश्चिम विस सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रहीं हैं। खबर है कि भाजपा इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार भरत भूषण आशु को जितवाने की रणनीति के तहत जानबूझकर कमजोर प्रत्याशी उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।
इस सीट से भाजपा कमजोर उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में
चुनाव के बाद क्या आशु को भाजपा में शामिल करने की हो रही कवायद?
खबर खास, चंडीगढ़/लुधियाना :
लुधियाना पश्चिम विस सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रहीं हैं। खबर है कि भाजपा इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार भरत भूषण आशु को जितवाने की रणनीति के तहत जानबूझकर कमजोर प्रत्याशी उतारने की रणनीति पर काम कर रही है। विश्वसीय सूत्रों की मानें तो भाजपा, आशू के चुनाव जीतने के बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करने को लेकर ही यह सारी कवायद कर रही है।
लुधियाना पश्चिम इस सीट पर आप को हराने के लिए भाजपा एक साथ कई राजनीतिक समीकरण बैठा रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और भारत भूषण आशू के बीच हाल ही में हुई गुप्त बैठकों में इस रणनीति पर मंथन हुआ है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस तरह से एक तीर से दो निशाने लगाना चाहती है। पहला तो आप को हराना और दूसरा, आशू को जिताकर उन्हें अपने दल में शामिल करना।
आशू और राजा वडिंग के बीच लंबे समय से मतभेद
दरअसल यह बात सामने आ रही है कि भारत भूषण आशू और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वडिंग के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे हैं। पार्टी के भीतर आशू को वडिंग के नेतृत्व की ओर से सहमति नहीं है, जिसका भाजपा फायदा उठाना चाहती है। अगर आशू चुनाव जीत जाते हैं, तो वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं, जिससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा।
भाजपा के लिए क्यों अहम लुधियाना पश्चिम सीट?
हालांकि भाजपा का पंजाब में ज्यादा आधार नहीं है। लेकिन पंजाब में भाजपा की मौजूदगी को मजबूत करने के लिहाज से लुधियाना पश्चिम सीट काफी अहम है। यदि यहां से जीतकर आशू भाजपा में शामिल होते हैं, तो पार्टी को पंजाब में एक बड़ा नेता तो मिलेगा ही साथ ही उसे 2027 के विधानसभा चुनावों में फायदा हो सकता है।
भाजपा ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन पार्टी के भीतरी सूत्र बताते हैं कि वह जानबूझकर कमजोर उम्मीदवार उतार सकती है, ताकि आशू को फायदा मिले। इसके अलावा, भाजपा आशू को समर्थन देने के लिए अपने सहयोगी दलों से भी बातचीत कर रही है।
भाजपा की रणनीति रही कामयाब तो बदल सकती है पंजाब की राजनीतिक तस्वीर!
लुधियाना पश्चिम सीट पर उपचुनाव अब सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि पंजाब की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। भाजपा की रणनीति अगर कामयाब होती है, तो पंजाब की सियासी तस्वीर बदल सकती है। वहीं, कांग्रेस और आप के लिए यह चुनाव अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं।
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