मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के साथ दाड़ी ग्राउंड से पुलिस ग्राउंड तक किया वॉकथॉन धर्मशाला में एंटी चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन के माध्यम से युवाओं को किया जागरूक
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के साथ दाड़ी ग्राउंड से पुलिस ग्राउंड तक किया वॉकथॉन धर्मशाला में एंटी चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन के माध्यम से युवाओं को किया जागरूक
खबर खास, शिमला :
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिले के धर्मशाला में एंटी-चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन का नेतृत्व किया। यह वॉकथॉन दाड़ी ग्राउंड से शुरू होकर पुलिस ग्राउंड में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थियों के साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। वॉकथॉन के दौरान बच्चे नशा विरोधी नारे लगाते हुए ऊर्जा और उत्साह के साथ आगे बढ़ते रहे।
मुख्यमंत्री स्वयं दाड़ी ग्राउंड से पुलिस ग्राउंड तक बच्चों के साथ पैदल चले। कई स्थानों पर उन्होंने बच्चों से बातचीत की और उन्हें इस लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया। बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक उनके साथ सेल्फी ली।
पुलिस ग्राउंड पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने चिट्टा माफिया को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि देवभूमि में नशा तस्करों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्षों से पीआईटी एण्ड एनडीपीएस अधिनियम को लागू नहीं किया गया था, लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने इसे प्रभावी रूप से लागू किया है और अब तक 46 बड़े तस्करों को इस कानून के तहत हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि नशे से कमाए गए हर अवैध धन को जब्त किया जाएगा और राज्य सरकार ने इस अधिनियम को पूरी तरह लागू कर नशे में संलिप्त लोगों पर कड़ी कर्रवाई सुनिश्चित की है। अब तक 46 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नया हिमाचल है और जब तक चिट्टे का अंतिम अंश भी समाप्त नहीं हो जाता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। यह केवल तस्करों के खिलाफ लड़ाई नहीं, बल्कि उनके पूरे नेटवर्क और नशा माफिया को जड़ से उखाड़ने की दिशा में एक निर्णायक संघर्ष है। उन्होंने कहा कि जो भी हमारी आने वाली पीढ़ी को नशे की ओर धकेलने की कोशिश करेगा, वह सीधे जेल जाएगा और उसका खेल यहीं खत्म होगा।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि एएनटीएफ, एसटीएफ पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय विभागों के साथ-साथ हर नागरिक अब चिट्टे के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि आज वह मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य की रक्षा करने वाली एक ढाल की तरह यहां उपस्थित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई केवल एक अभियान नहीं, बल्कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की सुरक्षा के लिए एक व्यापक युद्ध है, जो अब मिशन मोड में प्रवेश कर चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के सामने कई चुनौतियां थीं और उन्होंने उनका डटकर सामना किया। बड़े नशा तस्करों और अंतर-राज्यीय गिरोहों की रीढ़ तोड़ने में सरकार सफल रही है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की और चिट्टा के बारे में सूचना साझा करने पर पुरस्कार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दो ग्राम तक के चिट्टे की सूचना के लिए 10 हजार रुपये, पांच ग्राम के लिए 25 हजार रुपये, 25 ग्राम के लिए 50 हजार रुपये, एक किलो के लिए पांच लाख रुपये तथा एक किलो से अधिक मात्रा में चिट्टे की सूचना देने के लिए 10 लाख रुपये ईनाम राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बड़े गिरोह के सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये से अधिक की ईनाम राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि चिट्टे से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 112 आपातकालीन नंबर शुरू किया गया है। उन्होंने लोगों से इस संबंध में किसी भी जानकारी को साझा करने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान युवाओं को नशा निवारण की शपथ दिलाई। इस अवसर पर गुब्बारों और पैराग्लाइडर के माध्यम से भी चिट्टे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया।
कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, हिमाचल पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आर.एस. बाली, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक सुन्दर सिंह ठाकुर, राकेश कालिया, सुरेश कुमार, संजय अवस्थी, मलेन्द्र राजन, हरीष जनारथा, नीरज नैयर, रणजीत सिंह, हरदीप सिंह बावा, कमलेश ठाकुर, अनुराधा राणा, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी व अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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