भाजपा विधायक हंसराज ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत चंबा जिला में आपदा से हुए नुकसान का मामला उठाया।
भाजपा विधायक हंसराज ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत चंबा जिला में आपदा से हुए नुकसान का मामला उठाया।
खबर खास, शिमला :
हिमाचल विधानसभा में गुरुवार को प्राकृतिक आपदा को लेकर सदन में खासा हंगामा हो गया। जिसके बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भारी बारिश से हुई तबाही को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव सदन में रखा। जिसका विपक्ष ने समर्थन किया है। अब इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक चर्चा कर रहे हैं।
गौर रहे कि प्रदेश में इस बारिश के सीजन में अब तक लगभग 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की प्राइवेट व सरकारी संपत्ति भारी बारिश से नष्ट हो चुकी है। मानसून के दौरान 310 लोगों की मौत, 720 घर पूरी तरह नष्ट और 2669 घरों को आंशिक नुकसान हो चुका है। वहीं, 82 घटनाएं लैंडस्लाइड, 90 जगह बाढ़ और 41 जगह बादल फटने से तबाही मची है। इसे देखते हुए सदन में प्रस्ताव कर वित्त पोषण के लिए केंद्र को भेजा जाएगा।
इससे पूर्व विस में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की गैर-मौजूदगी को लेकर भी हंगामा बरपा।
भाजपा विधायक हंसराज ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर के तहत चंबा जिला में आपदा से हुए नुकसान का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि चुराह और भरमौर क्षेत्र में दूरसंचार व सड़क संपर्क कट गया है। फंसे हुए लोगों को राशन भी नहीं मिल पा रहा। भाजपा विधायक डॉ. जनक राज सहित विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सरकार को मामले की गंभीरता को देखते हुए मानसून सत्र को तुरंत स्थगित कर देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, इस मुश्किल घड़ी में सीएम सुखविंदर सुक्खू राजनीतिक कार्यक्रम के लिए बिहार गए हैं। उन्हें इस दौरान हिमाचल में रहकर रेस्क्यू कार्यों की निगरानी करनी चाहिए थी। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, जो भावनाएं विपक्ष के सदस्यों ने प्रकट की है वह सही है। कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है। अगर संसदीय कार्य मंत्री और नेता विपक्ष आपस में बात कर सत्र को स्थगित करने पर सहमत हैं, तो मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी।
सदन में उपमुख्यामंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, आपदा से प्रभावित होने का मामला संवेदनशील है। मगर ऐसा इंप्रेशन दिया जा रहा है कि सरकार कुछ भी नहीं कर रही। उन्होंने कहा, मुख्य सचिव ने बीते कल ही सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। बुधवार रात 1:00 बजे चंबा पठानकोट सड़क को खोल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष कह रहा कि 10 हजार लोग फंसे हुए हैं, यह गलत आंकड़ा है। हकीकत में 3 हजार लोग थे, सभी को रेस्क्यू कर दिया गया है। उन्होंने इस मामले को राजनीतिक रंग न देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राजनीतिक पालने में मामले को झूला रहे हैं। मुख्यमंत्री कहां है, उन्हें इस तरीके की बात नहीं करनी चाहिए। इस पर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और अपनी सीटों पर खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सत्तापक्ष-विपक्ष में नोकझोंक के बीच स्पीकर कुलदीप पठानिया ने 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। इसके बाद दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सत्तापक्ष ने स्पीकर से आवाहन किया कि सदन की कार्यवाही को स्थगित न किया जाए, क्योंकि कई महत्वपूर्ण बिल पास होने हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, हिमाचल में भीषण आपदा को लेकर सब संवेदनशील है। सरकार और विपक्ष अपनी भूमिका निभा रहा है। हम पहले विधायक हैं। फिर अध्यक्ष, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, डिप्टी सीएम और मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा, जो विधायक अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाना चाहता है जा सकते हैं।
प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक बिक्रम ठाकुर ने सरकार द्वारा लिए जा रहे 10 प्रकार के सेस का मसला उठाया। उन्होंने कहा, जब कोविड खत्म हो गया है, तो अब कोविड सेस क्यों वसूला जा रहा है।
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