यह कदम केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ संवैधानिक अदालतों द्वारा वीसी मोड के प्रयोग के उपरांत उठाया गया है, जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 से कानूनी समर्थन प्राप्त करते हुए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और हस्ताक्षरों को मान्यता देता है।