इसका लक्ष्य हरित आवरण बढ़ाना, रोज़गार सृजन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना है। यह योजना वर्ष 2027 तक ‘हरित और स्वच्छ हिमाचल’ के निर्माण में सहायक साबित हो रही है।