प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के फलस्वरूप बड़ी संख्या में किसानों ने इस कृषि पद्धति को अपनाया है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के फलस्वरूप बड़ी संख्या में किसानों ने इस कृषि पद्धति को अपनाया है।
खबर खास, शिमला :
प्रदेश सरकार ने ग्रामीणों के जीवन स्तर को और बेहतर बनाने व उनकी आर्थिकी को मजबूत करने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान अनेक महत्वकांक्षी योजनाएं आरम्भ की हैं। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के फलस्वरूप बड़ी संख्या में किसानों ने इस कृषि पद्धति को अपनाया है।
वर्तमान वित्त वर्ष में 838 किसानों से 60 रुपये प्रतिकिलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2123 क्विटंल गेहूं की खरीद की गई है तथा उनके बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के तहत 1.31 करोड़ रुपये हस्तातंरित किए गए हैं जिसमें गेहूं के परिवहन के लिए 4.15 लाख रुपये परिवहन उपदान भी सम्मिलित है।
राज्य सरकार ने प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई कच्ची हल्दी पर 90 रुपये प्रतिकिलो का समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है और इस वित्त वर्ष सरकार द्वारा छः जिलों के किसानों से 127 मीट्रिक टन हल्दी की खरीद की गई है। इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों को 1.14 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान किए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि कृषि विभाग ने पिछले सीजन के दौरान 10 जिलों के 1509 किसानों से प्राकृतिक रूप से उगाई गई 399 मीट्रिक टन मक्की की खरीद की है। इसके लिए किसानों के बैंक खातों में 1.40 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को उनके उत्पाद के बेहतर दाम सुनिश्चित करवाए जा रहे हैं। चंबा के पांगी उपमण्डल को प्राकृतिक खेती उपमण्डल घोषित किया गया है। सरकार द्वारा पांगी क्षेत्र के किसानों से सितम्बर के अंतिम सप्ताह से प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई 40 मीट्रिक टन जौ 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री हिम भोग ब्रांड के तहत की जा रही है। यह ब्रांड दिन प्रतिदिन लोकप्रिय हो रहा है और उपभोक्ता रसायन मुक्त उत्पादों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि प्राकृतिक खेती पद्धति को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 3.06 लाख किसानों ने प्रशिक्षण हासिल किया है। प्राकृतिक खेती के तहत 3,584 ग्राम पंचायतों की 38,437 हेक्टयर भूमि को लाया गया है। प्रदेश में 2 लाख 22 हजार 893 से अधिक किसान विभिन्न फसलें उगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान इस कृषि पद्धति के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों को लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के 88 विकास खंडों के 59,068 किसानों और बागवानों ने पंजीकरण फॉर्म भरा है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक पद्वति से उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है। प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं के लिए 60 रुपये, मक्की के लिए 40 रुपये, कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये और जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम दाम तय किया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से उपभोक्ताओं को रसायन मुक्त उत्पाद सुनिश्चित हो रहे है और किसानों को प्राकृतिक पद्धति के उत्पादों के लिए बेहतर दाम मिल रहे हैं।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
Comments 0