हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व एवं गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने हरियाणा के सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी करते हुए संपत्ति विलेखों के पंजीकरण से संबंधित नियमों के क्रियान्वयन पर जोर दिया है।
हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व एवं गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने हरियाणा के सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी करते हुए संपत्ति विलेखों के पंजीकरण से संबंधित नियमों के क्रियान्वयन पर जोर दिया है।
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व एवं गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने हरियाणा के सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी करते हुए संपत्ति विलेखों के पंजीकरण से संबंधित नियमों के क्रियान्वयन पर जोर दिया है।
यह कदम उन रिपोर्टों के जवाब में उठाया गया है, जिनमें कहा गया था कि उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक नियमित रूप से हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा-7ए के एक प्रमुख प्रावधान का उल्लंघन कर रहे हैं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि कुछ मामलों में पंजीकरण अधिकारी अधिसूचित शहरी क्षेत्रों में बिक्री, पट्टे या उपहार विलेखों को पंजीकृत करने से पहले संबंधित जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में विफल रहे हैं, जो कानून के तहत स्पष्ट रूप से अनिवार्य है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया में यह एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य कार्य है। प्रदेश सरकार ऐसी तरह से नियमों की उल्लंघना को लेकर गंभीर है। उन्होंने चेतावनी दी कि अधिनियम की धारा 7-ए का पालन करने में किसी भी तरह की कोताही करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों/अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने उपायुक्तों को इस प्रावधान का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने और यह निगरानी करने का निर्देश दिया गया है कि उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सभी उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करें।
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