पंजीकृत श्रमिकों की कार्य रसीद की होगी जांच- श्रम मंत्री उपायुक्त श्रमिक कार्य रसीद की जांच करने हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगें, ये समितियां अपनी जांच रिपोर्ट 03 माह में प्रस्तुत करेगी
पंजीकृत श्रमिकों की कार्य रसीद की होगी जांच- श्रम मंत्री उपायुक्त श्रमिक कार्य रसीद की जांच करने हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगें, ये समितियां अपनी जांच रिपोर्ट 03 माह में प्रस्तुत करेगी
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में भवन व अन्य सन्निर्माण के कार्य से जुडे श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के संचालन में अनियमितताओं/घोटाले को देखते हुए प्रदेश के प्रत्येक जिले में पंजीकृत श्रमिकों की कार्य रसीद का भौतिक सत्यापन (वैरिफिकेशन)/जांच की जाएगी।
इस सत्यापन के लिए उनके द्वारा संबंधित जिलों के उपायुक्तों को लिखित निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में श्रमिक वर्क-स्लिप की जांच करने हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगें जिसमें श्रम विभाग का प्रतिनिधि व दो अन्य राजपत्रित नामित स्वतंत्र सदस्य होगें। उन्होंने कहा कि यह समिति राज्य के प्रत्येक गांव/शहर मे भौतिक सत्यापन (वैरिफिकेशन) करके पंजीकरण प्रक्रिया व कार्य रसीद सत्यापन हेतु अपनाए गए मापदंडों को जांचने का कार्य करेगी। ये समितियां अपनी जांच रिपोर्ट 03 माह में प्रस्तुत करेगी।
विज ने यह जानकारी आज मीडिया कर्मियों द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण द्वारा संचालित योजनाआंे में पाई गई अनियमित्ताओं को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में दी।
उन्होंने कहा कि इन जिलों से रिपोर्ट आने पर मुझे लगता है कि यह कई सौ करोड रूपए का घोटाला चल रहा है क्योंकि जो पात्र ही नहीं है वो पैसे का फायदा उठा रहे हैं और यह एक प्रकार से लूट है। उन्हांेने कहा कि इस प्रकार की अनियमितताओं का मामला जब मेरे सम्मुख आया तो इस बारे में तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी द्वारा 6 जिलों (हिसार, कैथल, जीन्द, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी) की 03 मास (01 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025) के दौरान सत्यापित की गई कार्य रसीदों की जांच की गई जिसमें काफी अनियमितयाएं पाई गई और रिपोर्ट मुझे प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट को देखकर मैं हैरान हो गया। इन सभी जिलों में यही खेल चल रहा है। इसलिए इनके खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश दिए है और महाधिवक्ता को भी इस बारे में लिखा गया कि दोषियों के खिलाफ क्रिमिनल प्रक्रिया को अपना कर कार्यवाही की जाए।
इस सारे मामले के खेल को पकडने के संबंध में विज ने बताया कि जब यह मामला मेरे सामने आया कि मजदूरों की 90 दिनों की कार्य रसीद का जो सत्यापन किया गया उसमें अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 1196759 मजूदरों की कार्य रसीद का सत्यापन किया गया, जोकि संभव नहीं लग रहा था और इसमें ज्यादातर कार्य रसीद का सत्यापन फर्जी प्रतीत हो रहा था, जिसमें भ्रष्टाचार होने की सभावना बन रही थी। उन्होंने बताया कि इस अवधि के दौरान जिला हिसार के दौरान 145582 कार्य रसीद सत्यापित की गई, जिसमें एक कर्मचारी द्वारा अकेले 84741 आवेदनों को इन 3 मास में सत्यापित किया गया। इसी प्रकार, इस कर्मचारी द्वारा 2646 कार्य रसीद एक दिन में सत्यापित की गई है। ऐसे ही, फरीदाबाद के कर्मचारी द्वारा 2702 कार्य रसीदों का सत्यापन किया गया जिसमें से 1918 कार्य रसीद सोनीपत जिले से सम्बधित है। इस रिपोर्ट के अवलोकन से प्रतीत हुआ कि इनमें से ज्यादातर कार्य रसीद फर्जी श्रमिकों/कामगारों की बनाई गई है और ये सभी पंजीकृत कामगार विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठा रहे है, जिससे सरकार को कई सौ करोड रूपये की वित्तिय हानि होने की संभावना है।
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